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समाज में एकता व समरसता का प्रतीक है महाकुंभ: मनोहर लाल ​​​​​​​

 
 समाज में एकता व समरसता का प्रतीक है महाकुंभ: मनोहर लाल ​​​​​​​
महाकुंभ नगर, 19 जनवरी  केन्द्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन भारतीय समाज के एकता, समरसता और सद्भावना का प्रतीक है। हम सभी मिलकर एक दूसरे के सहयोग से अपने देश को हर दिशा में प्रगति की ओर ले जा सकते हैं। महाकुंभ हमें धर्म, संस्कृति और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है।
रविवार को केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल महाकुंभ में अरैल स्थित परमार्थ निकेतन शिविर में लोगों को संबोधित कर रहे थे।इससे पहले परमार्थ निकेतन शिविर पहुंचने पर मनोहर लाल का पुष्प वर्षा, वेदमंत्र और शंख ध्वनि से स्वागत किया गया। केंद्रीय मंत्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती से विशेष भेंटवार्ता कर उनका आशीर्वाद लिया। इस भेंटवार्ता में, देश की शांति, समृद्धि, और पर्यावरण संरक्षण के विषयों पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि हरियाणा को प्रदूषण मुक्त बनाना और पर्यावरण को बचाना है। यह केवल हमारी सरकार का लक्ष्य नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
इस मौके पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, यह एक महासंस्कार है, जो हमारे अंतःकरण को शुद्ध कर सब से जुड़ने व जोड़ने के साथ हम सभी को आत्मनिर्भरता, समरसता और राष्ट्रीय एकता का संदेश देता है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वर्तमान समय में केन्द्र और राज्य सरकारें पर्यावरण की रक्षा के लिए अद्भुत कदम उठा रही हैं। महाकुंभ में पूज्य संत, धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के साथ यह भी ध्यान रख रहे हैं कि हमारा पर्यावरण स्वस्थ और सुरक्षित रहे। स्वच्छता और हरित भारत की ओर कदम बढ़ाने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। स्वामीजी ने भारतीय संस्कृति और महाकुंभ की अद्वितीयता का बड़ी ही सहजता से वर्णन किया।
स्वामी ने बताया कि परमार्थ शिविर में प्लास्टिक के प्रयोग को न्यूनतम किया गया है और वे सभी से आग्रह करते हैं कि वे जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता फैलाएं। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन शिविर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कपड़े के बैंग वितरित किये जा रहे हैं ताकि संगम क्षेत्र में भ्रमण व संगम स्नान के दौरान श्रद्धालु सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें।
गंगा तट पर गंगा आरती के दौरान मंत्रोच्चारण, शंखनाद और दीपमालिका की रौशनी ने पूरे वातावरण को और भी दिव्य बना दिया। केन्द्रीय मंत्री ने परमार्थ त्रिवेणी पुष्प आश्रम और प्लास्टिक फ्री ईको फ्रेंडली महाकुंभ शिविर का भ्रमण भी किया।