किस्मत के धनी और चुनाव लड़ने में कुशल हैं रोहतक लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार डॉक्टर अरविंद शर्मा
एक बार सोनीपत, दो बार करनाल और एक बार रोहतक से जीत चुके चुनाव
Mar 26, 2024, 14:52 IST
![किस्मत के धनी और चुनाव लड़ने में कुशल हैं रोहतक लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार डॉक्टर अरविंद शर्मा](https://palpalindia.in/static/c1e/client/101583/uploaded/0c99ee92fa8472c9c2ace9a48478e9ea.jpg)
झज्जर, 26 मार्च भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की हॉट सीट के रूप में परिचित रोहतक लोकसभा क्षेत्र से डॉ. अरविंद शर्मा को 18वीं लोकसभा के लिए अपने प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतार दिया है।
पेशे से डेंटल सर्जन रहे शर्मा किस्मत के धनी और चुनाव लड़ने में कुशल माने जाते हैं। शायद यही कारण है कि वह चार बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं और वह भी तीन अलग-अलग सीटों से।
मूलतः झज्जर जिला के गांव एमपी माजरा से आने वाले डॉक्टर अरविंद शर्मा को भाजपा ने रोहतक लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। वर्ष 2019 के चुनाव में उनकी विजय का प्रभाव यह रहा की पार्टी ने 2024 के चुनाव के लिए भी अपना उम्मीदवार बना दिया है।
शर्मा पहली बार वर्ष 1996 में सोनीपत से सांसद बने थे। तब उन्होंने क्षेत्र में खुद अपनी पहचान बनाकर स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। 11वीं लोकसभा के लिए इस चुनाव में उन्होंने एसएपी के प्रत्याशी रिजकराम को 40000 मतों के अंतर से हराकर सभी को हैरत में डाल दिया था।
वर्ष 2004 में अरविंद शर्मा ने करनाल लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आईडी स्वामी को करीब डेढ़ लाख वोटों के बड़े अंतर से हराकर 14वीं लोकसभा में पहुंचे।
वर्ष 2009 में देश की 15वीं लोकसभा के चुनाव हुए। इस चुनाव में भी अरविंद शर्मा को कांग्रेस ने करनाल से अपना उम्मीदवार बनाया। इस बार भी उनका प्रदर्शन बढ़िया रहा। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार बहुजन समाज पार्टी के मराठा वीरेंद्र वर्मा को 50000 मतों के अंतर से परास्त किया।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने शर्मा को करनाल से ही फिर टिकट दिया। लेकिन इस चुनाव में मोदी लहर के चलते वह पंजाब केसरी अखबार के मालिक अश्विनी कुमार चोपड़ा के मुकाबले चुनाव हार गए।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मौके पर वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें दीपेंद्र हुड्डा के मुकाबले रोहतक सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। इस बार भी मोदी लहर के साथ-साथ प्रदेश में भाजपा के सत्तारूढ़ होने के चलते उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा को हरा दिया। हालांकि हार जीत का अंतर केवल लगभग 7000 मतों का रहा।
अब वर्ष 2024 में भाजपा ने उन्हें लगातार दूसरी बार रोहतक सीट से जीतने का चुनौती पूर्ण दायित्व होता है। इस बार भी उनके मुकाबले में दीपेंद्र हुड्डा का ही कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में आना तय है। यह अभी साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि विजय किसकी होगी।
पेशे से डेंटल सर्जन रहे शर्मा किस्मत के धनी और चुनाव लड़ने में कुशल माने जाते हैं। शायद यही कारण है कि वह चार बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं और वह भी तीन अलग-अलग सीटों से।
मूलतः झज्जर जिला के गांव एमपी माजरा से आने वाले डॉक्टर अरविंद शर्मा को भाजपा ने रोहतक लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। वर्ष 2019 के चुनाव में उनकी विजय का प्रभाव यह रहा की पार्टी ने 2024 के चुनाव के लिए भी अपना उम्मीदवार बना दिया है।
शर्मा पहली बार वर्ष 1996 में सोनीपत से सांसद बने थे। तब उन्होंने क्षेत्र में खुद अपनी पहचान बनाकर स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। 11वीं लोकसभा के लिए इस चुनाव में उन्होंने एसएपी के प्रत्याशी रिजकराम को 40000 मतों के अंतर से हराकर सभी को हैरत में डाल दिया था।
वर्ष 2004 में अरविंद शर्मा ने करनाल लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आईडी स्वामी को करीब डेढ़ लाख वोटों के बड़े अंतर से हराकर 14वीं लोकसभा में पहुंचे।
वर्ष 2009 में देश की 15वीं लोकसभा के चुनाव हुए। इस चुनाव में भी अरविंद शर्मा को कांग्रेस ने करनाल से अपना उम्मीदवार बनाया। इस बार भी उनका प्रदर्शन बढ़िया रहा। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार बहुजन समाज पार्टी के मराठा वीरेंद्र वर्मा को 50000 मतों के अंतर से परास्त किया।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने शर्मा को करनाल से ही फिर टिकट दिया। लेकिन इस चुनाव में मोदी लहर के चलते वह पंजाब केसरी अखबार के मालिक अश्विनी कुमार चोपड़ा के मुकाबले चुनाव हार गए।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मौके पर वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें दीपेंद्र हुड्डा के मुकाबले रोहतक सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। इस बार भी मोदी लहर के साथ-साथ प्रदेश में भाजपा के सत्तारूढ़ होने के चलते उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा को हरा दिया। हालांकि हार जीत का अंतर केवल लगभग 7000 मतों का रहा।
अब वर्ष 2024 में भाजपा ने उन्हें लगातार दूसरी बार रोहतक सीट से जीतने का चुनौती पूर्ण दायित्व होता है। इस बार भी उनके मुकाबले में दीपेंद्र हुड्डा का ही कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में आना तय है। यह अभी साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि विजय किसकी होगी।