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*जानिए अडल्ट लोगों से कैसे अलग है बच्चों का कैंसर, कैसे होता है इलाज*

 
*जानिए अडल्ट लोगों से कैसे अलग है बच्चों का कैंसर, कैसे होता है इलाज*   

सिरसा, 15 फरवरीI इंटरनेशनल चाइल्डहुड कैंसर डे के  अवसर पर *गुरुग्राम के सीके बिरला अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी की कंसल्टेंट डॉक्टर पूजा बब्बर* ने इस कैंसर से जुड़े हर पहलू पर जानकारी दी है. शरीर में जब असामान्य कोशिकाएं विकसित होना शुरू हो जाती हैं तो इससे कैंसर होता है. ये कैंसर कोशिकाएं शरीर के किसी भी हिस्से में पनप सकती हैं और एक बार पनपने के बाद ये शरीर के दूसरे किसी भी हिस्से में फैल सकती हैं. हालांकि, कैंसर का पता लगाने सभी उम्र के मरीजों में एक चुनौती होता है, लेकिन बच्चों के मामले में कैंसर की कहानी एकदम अलग होती है. जब किसी बच्चे को कैंसर हो जाता है तो उसके साथ माता-पिता भी कैंसर से लड़ाई लड़ते हुए भावनात्मक तौर पर टूट जाते हैं.

चाइल्डहुड कैंसर को पीडिएट्रिक कैंसर भी कहा जाता है. ये वो कैंसर होता है जो बच्चे के पैदा होने से 14 साल की उम्र तक होता है. यानी 14 साल से कम उम्र के बच्चे इस कैंसर की कैटेगरी में आते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वक्त में पूरी दुनिया में चाइल्डहुड कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. हर साल शून्य से 19 साल की उम्र के 4 लाख बच्चे कैंसर से पीड़ित पाए जा रहे हैं. एक दूसरी स्टडी के अनुसार, भारत में हर साल 50000 नए चाइल्डहुड कैंसर केस दर्ज किए जा रहे हैं.

*चाइल्डहुड कैंसर और अडल्ट कैंसर में अंतर*

चाहे बच्चे हों या बड़े, कैंसर फैलता तो एक ही तरह से है, लेकिन फिर भी दोनों के मामलों में कई अंतर होते हैं. कैंसर के डायग्नोज से लेकर ट्रीटमेंट मेथड्स के मामले में भी अंतर होता है.

-दोनों में सबसे बड़ा फर्क ये होता है कि वयस्क लोगों में कैंसर काफी आम है, जबकि बच्चों में कैंसर आम नहीं है. हालांकि, पिछले कुछ वक्त में पीडिएट्रिक कैंसर बीमारी और मौत के रेट को बढ़ाने में काफी आगे रहा है लेकिन फिर इसके मामले में अभी काफी कम हैं.

- बच्चों में कैंसर होने के ज्यादातर कारण जेनेटिक होते हैं. जबकि वयस्कों को वातावरण, खराब लाइफस्टाइल, शराब का सेवन, धूम्रपान और गलत खान-पान के कारण भी कैंसर होता है. ऐसा बच्चों के साथ नहीं होता.

-अलग-अलग स्टडी से पता चलता है कि वयस्कों में कैंसर की कोशिकाएं स्तन, फेफड़े, प्रोस्टेट या पेट में पनपती हैं जबकि बच्चों में अलग-अलग जगह कैंसर विकसित होता है. अडल्ट कैंसर शरीर के अंगों में होता है जबकि बच्चों का कैंसर टिशू में पनपता है.

बच्चों को कैसे होता है कैंसर?

बच्चों में कैंसर के ज्यादातर मामले जीन में असामान्यता के कारण सामने आते हैं. इससे कैंसर कोशिकाएं अनियंत्रित होकर पनपने लगती हैं और अंतत: वो कैंसर का रूप ले लेती हैं. वयस्कों में ये जीन परिवर्तन कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों के लिए उम्र बढ़ने और लंबे समय तक संपर्क का परिणाम हैं. लेकिन ऐसे पर्यावरणीय कारणों को पहचानना मुश्किल है जो बच्चों में कैंसर बढ़ाते हों. इसकी बड़ी वजह ये भी है कि क्योंकि कैंसर बच्चों में रेयर होता है, और इसमें ये भी पता लगाना मुश्किल है कि छोटे बच्चे किस प्रकार की चीजों के संपर्क में आए हैं या आ सकते हैं.

*चाइल्डहुड कैंसर के लक्षण*

-भूख कम लगना और वजन घटना

-जोड़ों में सूजन, पैरों और हड्डियों में सूजन

-सिरदर्द

-देखने की क्षमता में बदलाव, सफेद नजर आना

-जख्म होना या खून बहना

-चेहरा पीला पड़ना

-बहुत ज्यादा थकान 

*क्या चाइल्डहुड कैंसर से बचा जा सकता है?*

कैंसर का खतरा समय के साथ-साथ अलग-अलग कारणों से होता है. इनमें से कुछ चीजें ऐसी हैं जिनके जरिए चाइल्डहुड कैंसर को रोका जा सकता है. अगर कोई महिला गर्भवती है उन्हें शराब से दूर रहना चाहिए, धूम्रपान और और वायु प्रदूषण जैसे हानिकारक कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों के लंबे समय तक संपर्क को कम करना चाहिए, ये बच्चों के कैंसर को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है.

कभी-कभी बच्चे रेडिएशन के संपर्क में आ जाते हैं जिस कारण भी उन्हें कैंसर का खतरा रहता है, ऐसे में बच्चों को ऐसे रेडिएशन से दूर रखकर कैंसर से उनका बचाव किया जा सकता है. 

हालांकि, मौजूदा वक्त में कैंसर के इलाज करने के लिए नए-नए व एडवांस मेथड्स आ गए हैं लेकिन आम लोगों में इसके प्रति जागरूकता की कमी भी एक बड़ी चिंता है. जानकारी के अभाव के चलते कैंसर समय पर डायग्नोज नहीं हो पाता है जिससे फिर इलाज में भी दिक्कत आती है. ऐसे में माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वो छोटे से छोटा लक्षण नजर आने पर भी एक्सपर्ट को दिखाएं और अपने बच्चों को पीडिएट्रिक कैंसर से बचाएं.