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केडिया ने बेरोजगारी बढऩे के लिए की सरकार की आलोचना

 
केडिया ने बेरोजगारी बढऩे के लिए की सरकार की आलोचना
सिरसा, 18 फरवरी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवीन केडिया ने हरियाणा प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी की गंभीर समस्या को लेकर सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना की है। यहां जारी बयान में नवीन केडिया ने कहा कि देश में बेरोजगारी की दर दिसंबर, 2022 में बढक़र 8.3 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह 2022 में बेरोजगारी दर का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी के आंकड़ों से इसकी पुष्टि होती है। 
आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत थी जबकि सितंबर में यह सबसे कम 6.43 प्रतिशत थी। वहीं अगस्त में यह 8.28 प्रतिशत पर थी, जो बीते साल का दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा है। दिसंबर में शहरी बेरोजगारी दर 10 प्रतिशत थी। वहीं ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत थी।
उन्होंने कहा कि सबसे ऊंची 37.4 प्रतिशत की बेरोजगारी दर हरियाणा में
है। राज्यों की बात करें, तो दिसंबर में सबसे ऊंची 37.4 प्रतिशत की बेरोजगारी दर हरियाणा में थी। उसके बाद राजस्थान (28.5 प्रतिशत), दिल्ली(20.8 प्रतिशत), बिहार (19.1 प्रतिशत) व झारखंड (18 प्रतिशत) का नंबर आता है। 
कांग्रेस नेता ने कहा कि जन्म दर, मृत्यु दर और आर्थिक समृद्धि के प्रमुख संकेतकों को देखते हुए भारत के लिए चिंताजनक संभावनाओं में से एक तथ्य यह है कि श्रमबल में हमारी वृद्धि धीमी हो सकती है। कुछ ऐसा ही चीन या यूरोप और दूसरी विकसित अर्थव्यवस्थाओं में हुआ है। केडिया ने कहा कि इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन कितना जरूरी है, तभी रोजगार बाजार में समावेशन सुनिश्चित कर सकते हैं। 
नवीन केडिया ने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी के जनवरी 2023 के आंकडों में भी तस्वीर अच्छी नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी दर 37.4 फीसदी है जो देश में सबसे ज्यादा है। पिछली रिपोर्ट भी यही तस्वीर पेश कर रही थी। उन्होंने सवाल किया कि कृषि के मामले में एक अमीर राज्य नौकरी के मामले में इतना पिछड़ कैसे गया है? जिस राज्य में रोजगार के लिए बिहार-झारखंड, ओडिशा से मजदूर आते हैं वो खुद रोजगार में कैसे फिसड्डी हुआ। हरियाणा में एक ओर कृषि है तो गुरुग्राम-फरीदाबाद जैसे इंडस्ट्रियल हब भी हैं। तो रोजगार की इतनी किल्लत की वजह क्या है। यह सिर्फ सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव के कारण है। 
आज उच्च शिक्षित युवा भी छोटी-मोटी नौकरियों के लिए दरबदर हो रहे हैं। दस साल के कार्यकाल में खट्टर सरकार ने सरकारी नौकरियां देने की बजाय कौशल विकास जैसे तंत्र खड़े करके युवाओं का मजाक बनाया है। कांग्रेस सरकार आने पर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। उनकी शिक्षा के मुताबिक उनके कौशल को देश की तरक्की में प्रयोग किया जाएगा।