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झज्जर: प्रतिबंध के बाद देर रात तक हुई आतिशबाजी, एक्यूआई पहुंचा 269 पर

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  झज्जर: प्रतिबंध के बाद देर रात तक हुई आतिशबाजी, एक्यूआई पहुंचा 269 पर
दो तीन दिन बाद दिखेगा आतिशबाजी का असर 
झज्जर, 13 नवंबर जिला में रविवार को दीपावली के मौके पर आतिशबाजी का दौर अंधेरा होते ही शुरू हो गया था। जबकि आतिशबाजी पर प्रतिबंध था। न तो प्रशासन की ओर से इस तरफ कोई ध्यान दिया गया और न ही आम लोगों ने आतिशबाजी से क्षेत्र की हवा खराब करने में कोई कसर छोड़ी। बहादुरगढ़ में रविवार को दीवाली पर्व पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम 4 बजकर 5 मिनट पर 122 दर्ज किया गया था।
रात के समय हुई आतिशबाजी के बाद सोमवार को यह शाम 4 बजकर 5 मिनट पर 269 पर पहुंच गया। यह बेहद खराब माना जाता है। सोमवार को भी लोगों ने खूब पटाखे छोड़े। पिछले वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिवाली वाले दिन एक्यूआई 278 था। दीपावली पर आतिशबाजी के चलते वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया। प्रदूषण विभाग के अधिकारियों की मानें तो दिवाली की आतिशबाजी का असर अगले कई दिन तक रह सकता है। शहरी क्षेत्र की अनेक कॉलोनियों में आधी रात के बाद तक आतिशबाजी हुई। आतिशबाजी पर रोक का असर बहादुरगढ़ में कहीं नजर नहीं आया।
हालांकि अन्य सालों के मुकाबले इस बार आतिशबाजी कम हुई। हवा में प्रदूषण अधिक होने के कारण लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ी। नेशनल इंटीग्रेटिड एसोसिएशन जिला झज्जर के अध्यक्ष डॉ.एसके मलिक ने बताया कि दमा आदि बीमारियों से पीड़ित लोगों को बढ़ते प्रदूषण से परेशानी अधिक हुई। पर्यावरण प्रेमी प्रदीप कुमार ने कहा कि आतिशबाजी तो एक ऐसा शौक है जो न सिर्फ दूसरों के लिए बल्कि ऐसा करने वालों के लिए भी नुकसानदायक है।
सोमवार को प्रदूषण का स्तर खतरनाक रहा। यह संतरी रंग में बना रहा। रविवार को यह पीले रंग में 122 पर दर्ज किया गया था। सोमवार को एक्यूआई 269 तक गया। मंगलवार को सुबह भी इतना ही रहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ अमित दहिया बताया कि दीपावली पर आतिशबाजी के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इसका असर अभी देखने को नहीं मिलेगा। आने वाले दो-तीन दिनों बाद इसका पता चलेगा। यदि हवा चलती है तो प्रदूषण का स्तर कम हो जाएगा। सोमवार एक्यूआई 269 पर पहुंचा। जबकि पीएम 2.5 का उच्चतम स्तर 394 व न्यूनतम स्तर 56 और औसत 281 दर्ज की गई।