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हत्या आरोपित को जेल से कोर्ट ले जाने के लिए अलग वाहन की मांग पर जेल अधीक्षक से जवाब तलब

 
 हत्या आरोपित को जेल से कोर्ट ले जाने के लिए अलग वाहन की मांग पर जेल अधीक्षक से जवाब तलब
नई दिल्ली, 30 जनवरी  दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने गोरखपुर में कथित तौर पर पुलिस की ओर से कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पीटकर हत्या करने के आरोपित रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष जगत नारायण सिंह को जेल से कोर्ट ले आने के लिए अलग वाहन उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका पर रोहिणी जेल के जेल अधीक्षक को 6 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।
कोर्ट ने 16 जनवरी को सीबीआई को पूरक चार्जशीट की प्रति आरोपितों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान आरोपितों की ओर से पेश वकील नवलेंदु कुमार ने कहा था कि सीबीआई की पूरक चार्जशीट की प्रति उन्हें नहीं मिली है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये भी बताया गया कि हाई कोर्ट में मनीष गुप्ता की पत्नी की ओर से दाखिल याचिका अभी लंबित है और हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट में सुनवाई की अगली तिथि 12 मार्च है।
इस मामले में सीबीआई ने 30 नवंबर 2023 को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने 1 फरवरी 2023 को इस मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के 22 दिसंबर 2022 और 9 जनवरी 2023 के दो आदेशों पर भी रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने इस बात पर गौर किया था कि ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में छह पुलिसकर्मियों में से पांच के खिलाफ हत्या का आरोप तय नहीं किया।
कोर्ट ने 9 जनवरी 2023 को मामले के छह आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 34 के तहत आरोप तय किए थे। ट्रायल कोर्ट ने हत्या की धारा 302 के तहत आरोपित और थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह के खिलाफ ही आरोप तय किया था। 4 अप्रैल 2022 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई से अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल करने को कहा था। 11 मार्च 2022 को कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया था।
कानपुर के रहने वाले कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर 2021 में अपने दो दोस्तों हरवीर और प्रदीप के साथ गोरखपुर घूमने गए थे। तीनों युवक गोरखपुर के रामगढ़ताल में एक होटल में ठहरे थे। 27 सितंबर 2021 की रात ही छह पुलिस वाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग करने पहुंच गए थे। कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया। आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए थे।