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संस्कृति बचाने के लिए मातृभाषा पर ध्यान देना जरूरी: बलविंद्र सिंह

राज्यस्तरीय पंजाबी प्रश्नोत्तरी में जीएनजी की टीम ने मारी बाजी 
 
संस्कृति बचाने के लिए मातृभाषा पर ध्यान देना जरूरी: बलविंद्र सिंह  
यमुनानगर, 22 फरवरी। डीएवी गल्र्स कॉलेज के पंजाबी विभाग व गुरू गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल के संयुक्त तत्वावधान में मातृभाषा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 
गुरू गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल के संस्थापक सदस्य स. बलविंद्र सिंह सागर मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने मां बोली पंजाबी के महत्व एवं उसके प्रचार प्रसार में योगदान विषय पर विस्तार से चर्चा की। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. मीनू जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. गुरशरण कौर की देखरेख में कार्यक्रम संपन्न हुआ। 
बलविंद्र सिंह ने कहा कि आधुनिक युग में हमारी विचारधारा बदल रही है। हमें अपनी भाषा, रीति रिवाज, व्यवहार आदि से लगाव रखते हुए अपनी संस्कृति को बचाए रखना है। भारत की आदिकाल से विश्वस्तर पर अलग पहचान रही है। पंजाबी कवि स. भगत सिंह ने भारतीय संस्कृति, मां बोली पंजाबी भाषा में कविता प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। सेंटर सचिव गुरमीत कौर ने कहा कि भाषा भावाभिव्यक्ति का माध्यम है। जिसमें हम अपने सुख दुख, व्यथा, खुशी अपनी मातृभाषा में कुदरती ब्यां कर सकते है। इस दौरान मां बोली पंजाबी पर आधारित काव्य का मंचन भी किया गया। 
प्रिंसिपल डॉ. मीनू जैन ने कहा कि भाषा के महत्व पर आधारित इस प्रकार के आयोजन हमें अपनी जमीन व संस्कृति से जोडऩे का काम करते हैं। इस अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें गुरूनानक गल्र्स कॉलेज की टीम ने पहला व संत मोहन सिंह खालसा लबाना कॉलेज बराड़ा की टीम ने क्रमश: दूसरा व तीसरा स्थान अर्जित किया।