बिजली बिलों से परेशान ग्रामीणों ने हिसार-चंडीगढ़ मार्ग किया जाम
Sep 13, 2023, 13:28 IST
कैथल,13 सितंबर। बुधवार दोपहर को बिजली के बिल अधिक आने से खफा गांव क्योड़क के लोगों ने हिसार चंडीगढ़ हाईवे पर जाम लगा दिया। जाम के दौरान महिलाओं ने सड़क पर सीएम का पुतला भी फूंका।
जाम को देखते हुए दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गई। पुलिस ने जाम को देखते हुए ट्रैफिक को दोनों ओर से डायवर्ट कर दिया। थाना सदर के एसएचओ बिजली विभाग के एसडीओ के साथ मौका पर पहुंचे और ग्रामीणों को आश्वासन देकर जाम खुलवा दिया।
मुख्यमंत्री के गोद लिए गांव का है बुरा हाल
जाम का नेतृत्व कर रहे गांव के सरपंच जसबीर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके गांव को गोद ले रखा है। बावजूद उसके गांव में बिजली व्यवस्था का बुरा हाल है। महीने में 10 हजार कमाने वाले लोगों के बिजली के बिल एक लाख रुपए तक के आ गए हैं। गरीब आदमी इन का भुगतान नहीं कर सकता। गांव के किसी ट्रांसफार्मर का हैंडल नहीं है। इसलिए आपातकाल के दौरान ट्रांसफार्मर को बंद नहीं किया जा सकता।
बिजली की ढीली तारों से लोग परेशान हैं और उन्हें हर समय करंट लगने का खतरा बना रहता है। ग्रामीण भूप्पी का कहना है कि मुख्यमंत्री के गोद लिए गांव में ठेकेदार घटिया सामग्री से निर्माण कार्य कर रहे हैं। जिनके खिलाफ शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
तीर्थ का विकास कार्य अधर में लटका हुआ है। ऊपर से लोगों के बिल 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक के आ गए हैं। जिनकी शिकायत मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक की जा चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला। मजबूरन गांव वालों को अब जाम लगना पड़ा है। महिला सुमित्रा व रेनू बाला ने कहा कि वे बिजली के बिल अदा करने में पूरी तरह से असमर्थ हैं।
उनके बिजली के बिलों को पड़ताल कर दोबारा दुरुस्त किया जाए। पुलिस और बिजली विभाग से आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने कहा कि यदि शीघ्र ही उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह दोबारा हाईवे को जाम कर देंगे।
जाम को देखते हुए दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गई। पुलिस ने जाम को देखते हुए ट्रैफिक को दोनों ओर से डायवर्ट कर दिया। थाना सदर के एसएचओ बिजली विभाग के एसडीओ के साथ मौका पर पहुंचे और ग्रामीणों को आश्वासन देकर जाम खुलवा दिया।
मुख्यमंत्री के गोद लिए गांव का है बुरा हाल
जाम का नेतृत्व कर रहे गांव के सरपंच जसबीर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके गांव को गोद ले रखा है। बावजूद उसके गांव में बिजली व्यवस्था का बुरा हाल है। महीने में 10 हजार कमाने वाले लोगों के बिजली के बिल एक लाख रुपए तक के आ गए हैं। गरीब आदमी इन का भुगतान नहीं कर सकता। गांव के किसी ट्रांसफार्मर का हैंडल नहीं है। इसलिए आपातकाल के दौरान ट्रांसफार्मर को बंद नहीं किया जा सकता।
बिजली की ढीली तारों से लोग परेशान हैं और उन्हें हर समय करंट लगने का खतरा बना रहता है। ग्रामीण भूप्पी का कहना है कि मुख्यमंत्री के गोद लिए गांव में ठेकेदार घटिया सामग्री से निर्माण कार्य कर रहे हैं। जिनके खिलाफ शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
तीर्थ का विकास कार्य अधर में लटका हुआ है। ऊपर से लोगों के बिल 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक के आ गए हैं। जिनकी शिकायत मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक की जा चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला। मजबूरन गांव वालों को अब जाम लगना पड़ा है। महिला सुमित्रा व रेनू बाला ने कहा कि वे बिजली के बिल अदा करने में पूरी तरह से असमर्थ हैं।
उनके बिजली के बिलों को पड़ताल कर दोबारा दुरुस्त किया जाए। पुलिस और बिजली विभाग से आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने कहा कि यदि शीघ्र ही उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह दोबारा हाईवे को जाम कर देंगे।