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अर्थव्यवस्था मजबूती में शिक्षाविद् व शोधार्थियों का अहम योगदान

 
अर्थव्यवस्था मजबूती में शिक्षाविद् व शोधार्थियों का अहम योगदान

रोहतक, 17 मार्च। बाबा मस्तनाथ विवि में फैकल्टी ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसका विषय भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था: चुनौती एवं संभावनाएं रहा।
इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्यातिथि बीएमयू की प्रो चांसलर डॉ. अंजना राव, अध्यक्षता विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर आरएस यादव व मुख्य वक्ता पंजाब विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो. संजय कौशिक रहे। सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता प्रो. संजय कौशिक ने भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था: चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों के शिक्षाविद व शोधकर्ताओं को इस नए क्षेत्र का अन्वेषण कर आगे आना होगा जिससे चुनौतियों और संभावनाओं को सामने रखा जा सके। 


हम सभी अपनी अहम भूमिका निभाकर प्रधानमंत्री के सपने को साकार कर सकते हैं। नौकरशाही, निर्माण क्षेत्र, सेवा क्षेत्र, कृषि, बैंकिंग, शिक्षा और अन्य सभी को मिशन की सिद्धि के लिए कमर कसनी है। वास्तव में 16वीं सदी अंग्रेजों के आने से पहले, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में भारत का योगदान, कुल वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 25 फीसदी था। पिछले 75 वर्षों से हमारा जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने के प्रयास किए जा रहे हैं। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आबादी वाला देश है, जो पृथ्वी की 17त्न आबादी है, हम न केवल अपनी घरेलू मांग को पूरा करने में सक्षम हैं बल्कि दुनिया की कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं की आवश्यकताओं को भी पूरा करने में सक्षम हैं। 


विश्वविद्यालय की प्रो चांसलर डॉ. अंजना राव ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोरोना के बाद अच्छी वापसी की और सबसे तेज ग्रोथ करने वाली इकोनॉमी है। वैश्विक आर्थिक मंदी की चुनौतियों का भी अच्छे से सामना करने के लिए भारत की अर्थव्यवस्था तैयार है। हालांकि इसके बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर वाली इकोनॉमी के सपने को सच बनाने की राह में कई चुनौतियां हैं। 


विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आरएस यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत के लिए 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनना असंभव नहीं, बस इसके लिए 08 चुनौतियों से पार पाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत को 2028-29 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनना है तो पांच साल तक 9 फीसदी की दर से जीडीपी को बढ़ाना होगा। समापन सत्र में बतौर मुख्य वक्ता प्रो. अजय राजन ने कहा कि सरकार ने रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत बताई है। रेलवे संसाधनों में बढ़ोत्तरी के लिए पीपीपी का प्रस्ताव किया गया है।


इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. मनोज कुमार वर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ. नवीन शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. मुकेश सिंगला, सलाहकार ओपी सचदेवा, प्रो. बीएम यादव, डॉ. नीरज खरे, डॉ. अजय दहिया, डॉ. अरुणा आंचल, डॉ. ललित कुमार, प्रो. सुभाष चंद्र गुप्ता, डॉ. देवेंद्र वशिष्ठ, डॉ. नवदीप बिसला समेत सभी संकाय अधिष्ठाता एवं विभाग अध्यक्ष उपस्थित रहे।