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गुरुद्वारा चिल्ला साहिब को भूमि सौंपना सरकार का ऐतिहासिक फैसला: बाबा जगतार सिंह​​​​​​​

 गुरुद्वारा चिल्ला साहिब प्रबंधक कमेटी ने जताया सरकार का आभार
 
  गुरुद्वारा चिल्ला साहिब को भूमि सौंपना सरकार का ऐतिहासिक फैसला: बाबा जगतार सिंह​​​​​​​
 
गुरु नानक देव जी के चरणों में सरकार ने चढ़ाए फूल: सुरेंद्र सिंह वैदवाला
सिरसा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 4 अगस्त 2019 को गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव पर जिस भूमि पर गुरुद्वारा चिल्ला साहिब बना हुआ है, जोकि सरकार के पास थी, उसे गुरुद्वारे को देने की घोषणा की थी। एक तरफ जहां इसी दिन के उपलक्ष्य में गुरुद्वारे में कार्यक्रम चल रहा था, वहीं दूसरी ओर नवनियुक्त सीएम नायब सिंह सैनी ने बीते दिवस कैबिनेट की मीटिंग में इसे अमलीजामा पहना दिया, जिससे जिले की सिख संगत में खुशी की लहर है। यह प्रदेश सरकार का ऐतिहासिक फैसला है। उक्त जानकारी जत्थेदार बाबा जगतार सिंह (कार सेवा वाले) व सुरेंद्र सिंह वैदवाला चेयरमैन गुरुनानक मिशन चैरिटेबल ट्रस्ट ने संयुक्त रूप से सरकार का इस कार्य के लिए शुक्रवार को आभार जताते हुए गुरुद्वारा चिल्ला साहिब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी। सरकार इस कार्य के लिए बधाई की पात्र है। इस 77 कनाल, 7 मरले भूमि में सराय, लंगर, सरोवर व चारदिवारी बनी हुई है। उन्होंने बताया कि 1567 विक्रमी, 14 आषाढ़ में गुरु नानक देव जी ने पहली बार सिरसा की पावन धरा पर अपने चरण रखे थे। उस वक्त गुरुद्वारे की जगह अब्दुल सकूर रहता था। उनका पीर करामात दिखाता था। करीब सवा चार माह वे लगातार यहां ठहरे और सेवा के बाद गुरुद्वारे से बाहर आए थे। हालांकि अपने पीर पैगंबर के चमत्कार को लेकर काफी धारणाएं थी, लेकिन गुरुनानक देव जी द्वारा दिए गए सद्मार्ग के संदेश से प्रेरित होकर समूह संगत उनकी शरण में आ गई और उनके पीर के अंहकार को दूर कर उन्हें सद्मार्ग का रास्ता दिखाया। सभी ने उनकी शक्ति व भक्ति को बखूबी पहचाना। उन्होंने हमेशा संगत को मेहनत करने, अच्छाई के रास्ते पर चलने व दूसरों की मदद करने का गुरमंत्र दिया। इस मौके पर बाबा नरेंद्र सिंह, लखबीर सिंह गिल, गुरमेल सिंह, काला सिंह सेवादार, जीवन सिंह सहित अन्य सिख संगत उपस्थित थीं।