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हाईकोर्ट का निर्देश: सरपंचों पर रात में कार्रवाई, पुलिस ने उखाड़े तंबू

 
हाईकोर्ट का निर्देश: सरपंचों पर रात में कार्रवाई, पुलिस ने उखाड़े तंबू

पंचकूला, 5 मार्च। चंडीगढ़ हाईकोर्ट के आदेश पर ई-टेंडरिंग पॉलिसी का विरोध कर रहे सरपंचों पर पंचकूला पुलिस ने रात में कार्रवाई की। मुख्य मार्ग पर सरपंचों के पक्के धरने में लगे प्रदर्शनकारियों के तंबू उखाडक़र पुलिस ने करीब 80 घंटे बाद कल देर रात रास्ता बहाल किया।

सरपंचों ने पुलिस की कार्रवाई का जमकर विरोध किया। इस पर पुलिस ने हिरासत में लेते हुए उन्हें देर रात रिहा कर दिया। अब सरपंचों की 9 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात होगी। सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणवीर सिंह समैण ने पंचकूला पुलिस की इस कार्रवाई पर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वार्ता विफल हो जाती है तो 11 मार्च को सभी सरपंच अपनी मांगों को लेकर सीएम सिटी करनाल के लिए कूच करेंगे। वहां वे मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगों को माना नहीं जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

आठ बजे पहुंचा पुलिस बल

सरपंचों के धरने को उठाने के लिए लगभग रात आठ बजे पंचकूला पुलिस पहुंची। डीसीपी से तकरीबन 1 घंटे की बातचीत के बाद जब सरपंच नहीं माने तो पुलिस ने जबरन तंबू उखाडऩे शुरू किए। एक घंटे मशक्कत करने के बाद सरपंच विरोध करने लगे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और दो बसों में भरकर थाने ले गए, जहां कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद उन्हें देर रात छोड़ा गया।

पंचायत सदस्यों की पुलिस से भिड़ंत?

बीती 1 मार्च को दोपहर एक बजे हाउसिंग बोर्ड पर सरपंचों व पंचायत सदस्यों की पुलिस के साथ भिड़ंत हो गई। प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ में सीएम आवास घेरने जा रहे थे। भिड़ंत में 22 पुलिस कर्मचारियों के साथ कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए थे। इसके बाद सरपंचों ने पंचकूला-चंडीगढ़ सीमा पर ही पक्का धरना लगा दिया। छोटे स्पीकर की जगह बड़े लाउड स्पीकर लगा दिए गए। सरपंच एसोसिएशन ने  ऐलान कर दिया कि वो इस बार हाउसिंग बोर्ड पर काली होली मनाएंगे। सरपंच वहीं बैठे हुए थे। तभी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने रास्ता खाली करवाने का निर्देश जारी किया। ऐसे में पुलिस ने सरपंचों को वहां से हटाया।