हरियाणा सरकार ने दी एचआईवी/एड्स नियम 2025 को मंजूरी, 6 लोकपाल नियुक्त होंगे
Oct 12, 2025, 19:37 IST

चंडीगढ़, 12 अक्टूबर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में रविवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा मानव इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017 की धारा 49 की उपधारा (1) के अंतर्गत राज्य नियमों के निर्माण को मंजूरी दी गई।
नए नियमों को हरियाणा मानव इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम नियम, 2025 कहा जाएगा।
इन नियमों के अंतर्गत, राज्य सरकार अपने छह प्रशासनिक प्रभागों के आयुक्तों को लोकपाल के रूप में कार्य करने के लिए नामित करेगी। उनकी भूमिका एचआईवी/एड्स से पीडि़त लोगों की शिकायतों का निपटारा करना है। प्रत्येक लोकपाल अपने-अपने प्रभागों रोहतक, हिसार, करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद और अंबाला में कार्य करेगा और संबंधित जिले के सिविल सर्जन द्वारा समर्थित होगा।
राज्य सरकार नैदानिक सुविधाओं को मजबूत करने और संक्रमणों, अर्थात् ऐसे संक्रमण जो प्रतिरक्षा को कम कर सकते हैं, के प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करेगी। सरकार एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को नैदानिक और उपचार सेवाएँ प्रदान करने में निजी चिकित्सा क्षेत्र को भी सक्रिय रूप से शामिल करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सेवाएँ बिना किसी भेदभाव के प्रदान की जाएँ। निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया जाएगा कि वे सभी एचआईवी पॉजिटिव मामलों की सूचना निकटतम एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र या सरकारी अस्पताल को आगे के प्रबंधन और उपचार के लिए दें, साथ ही निजता के अधिकार सहित व्यक्तियों के मानवाधिकारों का भी कड़ाई से पालन करें। ये नियम लोकपाल के कार्यों और जिम्मेदारियों को भी परिभाषित करते हैं, जिनका उद्देश्य एचआईवी से प्रभावित बच्चों, एचआईवी से प्रभावित व्यक्तियों और एचआईवी से ग्रस्त व्यक्तियों के अधिकारों और हकों की रक्षा करना है।
नए नियमों को हरियाणा मानव इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम नियम, 2025 कहा जाएगा।
इन नियमों के अंतर्गत, राज्य सरकार अपने छह प्रशासनिक प्रभागों के आयुक्तों को लोकपाल के रूप में कार्य करने के लिए नामित करेगी। उनकी भूमिका एचआईवी/एड्स से पीडि़त लोगों की शिकायतों का निपटारा करना है। प्रत्येक लोकपाल अपने-अपने प्रभागों रोहतक, हिसार, करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद और अंबाला में कार्य करेगा और संबंधित जिले के सिविल सर्जन द्वारा समर्थित होगा।
राज्य सरकार नैदानिक सुविधाओं को मजबूत करने और संक्रमणों, अर्थात् ऐसे संक्रमण जो प्रतिरक्षा को कम कर सकते हैं, के प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करेगी। सरकार एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को नैदानिक और उपचार सेवाएँ प्रदान करने में निजी चिकित्सा क्षेत्र को भी सक्रिय रूप से शामिल करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सेवाएँ बिना किसी भेदभाव के प्रदान की जाएँ। निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया जाएगा कि वे सभी एचआईवी पॉजिटिव मामलों की सूचना निकटतम एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र या सरकारी अस्पताल को आगे के प्रबंधन और उपचार के लिए दें, साथ ही निजता के अधिकार सहित व्यक्तियों के मानवाधिकारों का भी कड़ाई से पालन करें। ये नियम लोकपाल के कार्यों और जिम्मेदारियों को भी परिभाषित करते हैं, जिनका उद्देश्य एचआईवी से प्रभावित बच्चों, एचआईवी से प्रभावित व्यक्तियों और एचआईवी से ग्रस्त व्यक्तियों के अधिकारों और हकों की रक्षा करना है।

