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हरियाणा लगातार बन रहा है बेरोजगारी में चैंपियन: कुमारी सैलजा​​​​​​​

 
दो माह में अल्पमत वाली भाजपा सरकार 50 हजार नौकरी देने के नाम पर लोगों को कर रही है गुमराह
 
  हरियाणा लगातार बन रहा है बेरोजगारी में चैंपियन: कुमारी सैलजा​​​​​​​
 
05 प्रतिशत आर्थिक और प्रदेश के युवाओं को निजी संस्थानों में 75 प्रतिशत आरक्षण के वायदे कहां गए
चंडीगढ़, 28 जून।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार युवाओं को रोजगार देने में सबसे फिसड्डी साबित हुई है। लोग आज हरियाणा को बेरोजगारी का चैंपियन कहने लगे है। रोजगार को लेकर युवाओं से किया गया एक भी वायदा पूरा नहीं किया गया है, एचकेआरएन के माध्यम से दी जा रही नौकरियों को लेकर युवाओं का कोई भविष्य नहीं है, उनकी नौकरी पर हर समय तलवार लटकी रहती है। नौकरियों में आर्थिक आधार पर पांच प्रतिशत आरक्षण के नाम पर 23 हजार नौकरियां खतरे में पड़ गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की युवाओं को स्थायी नौकरी देने के मामले में नीयत साफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जिस सरकार का दो माह कार्यकाल बचा हो वो अल्पमत वाली भाजपा सरकार 50 हजार नौकरी देने के नाम पर लोगों को कर रही है गुमराह
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश में जब भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार बनी थी तब रोजगार देने के नाम पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई थी। भाजपा-जजपा सरकार ने प्रदेश के प्राइवेट सेक्टर में हरियाणा के 75 प्रतिशत युवाओं को नौकरी देने का वायदा कर उन्हें गुमराह करने का काम किया। रोजगार देने के नाम पर भाजपा और जजपा के बीच नूरा कुश्ती जारी रहे ताकि लोगों को लगे कि कुछ तो प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब भाजपा की अल्पमत वाली सरकार के पास मात्र दो माह का समय बचा है और वह 50 हजार फर्जी का शिगुफा छेडक़र जनता को गुमराह कर रही है। सरकार कैसे नौकरी दे सकती है जबकि उसके द्वारा संचालित परीक्षाओं के पेपर लीक हो जाते है, परीक्षा हो जाती है तो साक्षत्कार में भेदभाव होता है, कोर्ट में जाकर सरकार को नीचा देखना पड़ता है, उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार देने के मामले में भाजपा सरकार की नीयत साफ नहीं हैं, रोजगार देने के नाम पर सरकार केवल झूठ बोलती है। सरकार की अनदेखी से नौकरियों में आर्थिक आधार पर पांच प्रतिशत आरक्षण के नाम पर 23 हजार नौकरियां खतरे में पड़ गई है।
उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से गत वर्ष जारी बेरोजगारी दर के आंकड़ों में एक बार फिर दिखाया है कि दिसंबर 2023 महीने में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक 37.4 प्रतिशत हरियाणा में रही। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के मामले में हरियाणा हर बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है। जहां एक तरफ रोजगार के अवसर हर महीने कम होते जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा सरकार बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है। हरियाणा के सरकारी विभागों में करीब दो लाख पद खाली पड़े हैं। इन पदों पर स्थायी भर्ती करने की बजाय सरकार कौशल रोजगार निगम के माध्यम से ठेके पर कर्मचारी रखने की प्रथा को बढ़ावा दे रही है।  
07 साल में 18 लाख उद्योग बंद, 54 लाख नौकरियां गई
उन्होंने कहा कि देश में सात साल में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 18 लाख असंगठित उद्योग बंद हो गए है जिसके चलते इन सेक्टर में कार्यरत 54 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने कहा कि लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग देश के गैर कृषि क्षेत्रों में सबसे ज्यादा रोजगार देता है पर सरकार ने इस ओर भी ध्यान नहीं दिया। प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगार युवाओं की संख्या को देखकर सरकार एचकेआरएन के तहत रोजगार उपलब्ध करवाने की बात कर रही है, सरकार ऐसा कर एक प्रकार से ठेके पर कर्मचारी रखने की प्रथा को बढ़ावा दे रही है।  इसके तहत नौकरी सुरक्षित नहीं है, स्थायी नहीं हैं और वहां पर भाई भतीजावाद या अफसरशाही हावी है। उन्होंने कहा कि जिस सरकार का दो माह कार्यकाल बचा हो वो अल्पमत वाली भाजपा सरकार 50 हजार नौकरी देने के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही है।