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हरियाणा के मुख्य सचिव शहरी नियोजन के कायापलट का आह्वान

 
 हरियाणा के मुख्य सचिव शहरी नियोजन के कायापलट का आह्वान
 चंडीगढ़, 5 फरवरी। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सोमवार को शहरी विकास के लिए राज्य के दृष्टिकोण में आमूल-चूल परिवर्तन की आवश्यकता पर बल देते हुए हितधारकों से नवोन्वेषी समाधान अपनाने और बदलते डाइनेमिक्स के अनुरूप ढलने का आग्रह किया। साथ ही, ऐसे कई प्रमुख क्षेत्रों की भी पहचान की, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। संजीव कौशल सोमवार को  केंद्रीय आवास और शहरी मामले मंत्रालय की उच्च स्तरीय समिति और हरियाणा के नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा शहरी नियोजन पर आयोजित हरियाणा कॉन्क्लेव का उद्घाटन करने के बाद नगर योजनाकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा हजारों वर्षों की प्राचीन विरासत को समेटे हुए है। राखीगढ़ जैसे स्थल हमारे पूर्वजों की अनूठी शहरी नियोजन क्षमता का प्रमाण हैं। ये पुरातात्विक चमत्कार हमें बताते हैं कि हमारे पूर्वजों ने सतत शहरी विकास को कितना महत्व दिया था। वर्तमान की बात करें, तो मैं हरियाणा के शहरी परिदृश्य को आकार देने में नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की भूमिका की सराहना करता हूं। मौजूदा संसाधनों के कुशलतापूर्वक उपयोग के महत्व पर बल देते हुए, मुख्य सचिव ने ग्रीनफील्ड परियोजनाओं पर ब्राउनफील्ड डेवलपमेंट को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें शहरों में कम उपयोग वाली भूमि के पुनर्विकास, पारगमन-उन्मुखी विकास को बढ़ावा देने और स्थायी बुनियादी ढांचे का उन्नयन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
यातायात की बढ़ती भीड़ और प्रदूषण की चुनौतियों का जिक्र करते हुए, मुख्य सचिव ने शहरी परिवहन प्रणालियों की व्यापक समीक्षा का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन, एकीकृत सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क और साइकिल और पैदल चलने को बढ़ावा देने जैसे नवीन समाधान तलाशने की जरूरत है। हमारा ध्यान पैदल यात्री-अनुकूल स्थान विकसित पर होना चाहिए जहां कारों से अधिक लोगों को प्राथमिकता मिले। पारंपरिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ते हुए, मुख्य सचिव ने नई बस्तियों के लिए सतत विकास मॉडल अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन मॉडलों में शुरुआत से ही ग्रीन स्पेस, जल संरक्षण उपाय और ऊर्जा-कुशल डिजाइन शामिल किए जानेे चाहिए। शहरी विकास में शामिल विभिन्न एजेंसियों के बारे में चिंता जताते हुए, मुख्य सचिव ने सुव्यवस्थित शासन का आह्वान किया। उन्होंने कहा, हालांकि विभिन्न निकाय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं परन्तु परस्पर-व्यापक कार्यक्षमताओं के चलते कभी-कभी भ्रम पैदा हो सकता, जिससे प्रगति में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसलिए हमें परियोजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए बेहतर समन्वय तंत्र विकसित करने तथा भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने की आवश्यकता है।