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हरियाणा मंत्रिमंडल ने गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब, सिरसा को 77 कनाल 7 मरला भूमि हस्तांतरित करने की दी मंजूरी

 गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब, सिरसा का बड़ा ऐतिहासिक महत्व
 
  हरियाणा मंत्रिमंडल ने गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब, सिरसा को 77 कनाल 7 मरला भूमि हस्तांतरित करने की दी मंजूरी
 चंडीगढ़, 27 जून। मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल की बैठक में गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब, सिरसा को 77 कनाल 7 मरला तथा गुरु नानक पब्लिक स्कूल, सिरसा को 6 कनाल 9 मरला भूमि हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्रिमंडल ने इस भूमि को गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब को उपहार स्वरूप (बिना किसी स्टांप ड्यूटी/रजिस्ट्री शुल्क के) आवंटित/हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब, सिरसा की बड़ी ऐतिहासिक महत्ता है। श्री गुरु नानक देव जी के पवित्र चरण यहां पड़े थे। बैठक में हरियाणा भूमि राजस्व अधिनियम, 1887 (पंजाब अधिनियम  1887) में संशोधन करने के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई, ताकि जमीन के बंटवारे के मामलों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित किया जा सके।  नए अधिनियम को हरियाणा भूमि राजस्व (संशोधन) अधिनियम, 2024 कहा जाएगा। नए अधिनियम के तहत, धारा 111 में निहित किसी भी बात के बावजूद और इस संशोधन अधिनियम के लागू होने की तिथि से ऐसी अवधि के भीतर, जिसे उपायुक्त द्वारा राजस्व संपदा के संबंध में अधिसूचित किया जा सकता है, अधिकार क्षेत्र वाले राजस्व अधिकारी राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज सभी सह-हिस्सेदारों या सह-हिस्सेदारों जिनके पक्ष में म्यूटेशन स्वीकृत किए गए हैं, को नोटिस जारी करने की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर आपसी सहमति से उनके संयुक्त स्वामित्व में भूमि का बंटवारा करवाने के लिए स्वप्रेरणा से नोटिस जारी करेंगे। बशर्ते कि यह प्रावधान उन जगहों पर लागू नहीं होगा जहां सभी सह-हिस्सेदार रक्त से संबंधित हैं या जहां अन्य सह-हिस्सेदार पति या पत्नी है। इसके अलावा यह भी प्रावधान है कि जहां सह-हिस्सेदार रक्त से संबंधित हैं, इस धारा के प्रावधानों को किसी भी सह-हिस्सेदार द्वारा संयुक्त स्वामित्व वाली भूमि जोत के बंटवारे की मांग करते हुए भूस्वामी को अपना हिस्सा बंटवारा करवाने के लिए राजस्व अधिकारी को नोटिस देकर लागू किया जा सकता है।
पहली जुलाई से कृषि नलकूपों पर स्वेच्छा से बढ़ा सकेंगे लोड
बैठक में आज किसान हित में बड़ा फैसला लेते हुए किसानों के लिए कृषि नलकूपों का लोड स्वेच्छा से बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब इच्छुक किसान अपने नलकूलों का लोड बढ़ाने के लिए पहली जुलाई से 15 जुलाई, 2024 तक पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, जिन किसानों को कृषि नलकूपों को पुन: बोर करना पड़ता हैं, ऐसे शिफ्ट किए जाने वाले नलकूपों के लिए सौर उर्जा की शर्त लागू नहीं होगी। सीएम ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस प्रकार के नलकूलों को पहले के कनैक्शन पर ही बिजली आपूर्ति की अनुमति होगी। केन्द्रीय गृह मंत्री  अमित शाह का हरियाणा दौरे के बारे पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अमित शाह पंचकूला में पार्टी की विस्तारित कार्यकारिणी को सम्बोधित करने आ रहे हैं और हमें उनका मार्गदर्शन मिलेगा। हरियाणा प्रभारी, केन्द्रीय मंत्री व सांसद धर्मेन्द्र प्रधान व त्रिपुरा के पूर्व सीएम व सांसद विपल्ब देव भी आ रहे हैं और हरियाणा में पार्टी के विजय रथ को और गति से बढ़ाने का कार्य करेंगे। आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए जन-जन की भावना है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व व सानिध्य में तीसरी बार हमारी सरकार बने।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा अमित अग्रवाल, सूचना, जन सम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक मंदीप सिंह बराड़, मीडिया सचिव श्री प्रवीण आत्रेय के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
शहीद सिपाही की बहन को दी नौकरी:
मंत्रिमंडल की बैठक में शहीद सिपाही सत्यवान की बहन तथा शहीद कैप्टन कपिल कुंडू की बहन को असाधारण मामलों में छूट देते हुए सरकारी नौकरी देने को घटनोत्तार स्वीकृति प्रदान की गई। शहीद सिपाही सत्यवान की बहन  मंजू रानी को मौलिक शिक्षा विभाग में लिपिक के रिक्त पद पर तथा शहीद कैप्टन कपिल कुंडू की बहन काजल कुंडू को रोजगार विभाग में सहायक रोजगार अधिकारी (ग्रुप-बी) के पद पर सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। 
सिपाही सत्यवान, गांव चंदेनी, जिला चरखी दादरी 3 अप्रैल, 2004 को जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन रक्षक के दौरान शहीद हो गए थे, जबकि कैप्टन कपिल कुंडू, गांव रणसीका, तहसील पटौदी, जिला गुरुग्राम 4 फरवरी, 2018 को जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन रक्षक के दौरान शहीद हो गए थे। दोनों अविवाहित थे तथा उनका कोई भाई नहीं था।
कोर्ट फीस स्टाम्प मूल्य की सीमा बढ़ाई: मंत्रिमंडल की बैठक में पंजीकृत स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा गैर न्यायिक और न्यायिक स्टाम्पों की बिक्री सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये करने की मंजूरी प्रदान की गई। इस निर्णय से स्टाम्प विक्रेता संघ की मांग पूरी हो गई है।  इस निर्णय से स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा ई-स्टाम्प गैर-न्यायिक और न्यायालय शुल्क स्टाम्पों की बिक्री की सीमा 10,000 रुपये से बढक़र 20,000 रुपये प्रति केस हो जाएगी तथा स्टाम्प विक्रेताओं को 100 रुपये तक के मूल्यवर्ग के अंकित/विशेष चिपकाने वाले गैर-न्यायिक स्टाम्प बेचने की अनुमति भी होगी। इस वृद्धि से पंजीकृत स्टाम्प विक्रेताओं की आय में वृद्धि होगी और उनके समक्ष आने वाली वित्तीय कठिनाई कम होगी तथा जनता द्वारा उच्च मूल्य के न्यायालय शुल्क स्टाम्पों की सुगम खरीद सुनिश्चित होगी, जिससे कोषागारों/उप-कोषागारों पर निर्भरता कम होगी।
मैनपावर की नियुक्ति हेतु नीति को दी मंजूरी:
मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेजों में संविदा संकाय सदस्यों की नियुक्ति नीति 2023 को मंजूरी दी गई है। इस नीति का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा का विस्तार करना और राज्य में खोले जा रहे नए मेडिकल कॉलेजों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। इस नीति से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी), भारतीय दंत चिकित्सा परिषद (डीसीआई) और भारतीय नर्सिंग परिषद (आईएनसी) जैसे केंद्रीय नियामक प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित स्टाफिंग मानदंडों के अनुपालन को सुनिश्चित करते हुए इन संस्थानों में योग्य संकाय सदस्यों की तत्काल कमी को दूर करने में मदद? मिलेगी। संविदा के आधार पर कुशल पेशेवरों की भर्ती इस पहल का उद्देश्य हरियाणा की तत्काल और दीर्घकालिक दोनों तरह की स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा करना है। सीधी भर्ती के लिए समय-समय पर लागू होने वाली वर्टिकल और हॉरिजोंटल दोनों तरह की आरक्षण नीति का इन संविदा भर्तियों में पालन किया जाएगा। ये नीति रिक्तियों को तेजी से भरने, वर्तमान जरूरतों के आधार पर स्टाफिंग के स्तर को समायोजित करने और अल्पकालिक आधार पर विशेष विशेषज्ञ पेशेवरों को आकर्षित करने और केंद्रीय नियामक प्राधिकरणों के साथ अनुपालन बनाए रखने में मदद करेगी।
पुलिस कर्मियों के लिए दैनिक भत्ता महीने में 20 दिन तक बढ़ाया:
मंत्रिमंडल की बैठक में सभी पुलिसकर्मियों के लिए, चाहे वे किसी भी स्थान पर तैनात हों, दैनिक भत्ता बढ़ाकर महीने में 20 दिन करने को मंजूरी दी गई। यह निर्णय राज्य भर में पुलिस कर्मियों के प्रयासों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को पहचानने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस निर्णय से पुलिस स्टेशनों पर तैनात पुलिसकर्मियों की तर्ज पर सभी पुलिसकर्मी अधिकतम 20 दिन का दैनिक भत्ता लेने के पात्र होंगे। इस परिवर्तन से सभी पुलिस कर्मियों को, चाहे वे किसी भी स्थान पर कार्यरत हों, आधिकारिकयात्रा के दौरान प्रति माह 20 दिन तक दैनिक भत्ता प्राप्तकरने की सुविधा मिलेगी।
पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए प्राय: 10 दिनों से अधिक समय तक स्टेशन से बाहर रहते हैं तथा कभी-कभी तो किसी विशेष माह में यह अवधि 20 दिनों से भी अधिक हो जाती है। 
200 करोड़ रुपये के ऋण लेने की मंजूरी:
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) द्वारा भूमि अधिग्रहण, बुनियादी ढांचे के विकास, भूतपूर्व भू-स्वामियों को बढ़ा हुआ मुआवजा देने तथा ऋणों का भुगतान करने हेतु दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए 200 करोड़ रुपये के ऋण लेने को मंजूरी प्रदान की गई। हरियाणा वित्त विभाग ने स्वीकृत ऋण सीमा पर 2 प्रतिशत गारंटी शुल्क, समय पर ऋण की अदायगी तथा निधि उपयोग के उद्देश्य का कड़ाई से अनुपालन करने सहित कुछ नियमों एवं शर्तों के साथ अपनी सहमति प्रदान की है। नई ऋण सीमा की मंजूरी विकसित एवं प्रगतिशील हरियाणा के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्रिमंडल की बैठक में सामाजिक न्याय अधिकारिता, अनुसूचित जाति-पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा अंत्योदय (सेवा विभाग) के प्रस्ताव वरिष्ठ नागरिक जो भविष्य में भी लाभ प्राप्त कर रहे थे ऐसे पेंशन भोगियों को लाभ प्रदान करने के लिए वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना में संशोधन करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है। संशोधन के अनुसार सरकार और ईपीएफ पेंशन द्वारा भत्ते का कुल योग वृद्धावस्था सम्मान भत्ता 3000 हजार रुपये प्रतिमाह या समय-समय पर संशोधन रुपये के बराबर हो। योजना के तहत 1 जनवरी 2024 से सरकार द्वारा  वृद्धावस्था सम्मान भत्ता 2750 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह कर दी गई थी।
शहीदों के परिवारों के लिए मौजूदा नीति का नाम बदला:
मंत्रिमंडल की बैठक में ‘अनुकंपा नियुक्ति (सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल युद्ध में हताहत हुए परिवार के सदस्यों के लिए) नीति 2023 को और अधिक प्रभावशाली नाम ‘वीर शहीद सम्मान योजना’ के साथ संशोधित करने की स्वीकृति प्रदान की। मौजूदा नीति में, नाम में यह परिवर्तन इसकी दृश्यता को बढ़ाएगा तथा इसे जनता के लिए अधिक यादगार और सुलभ बनाएगा। यह नीति के उद्देश्यों के बारे में बेहतर संचार और समझ की सुविधा भी प्रदान करेगा, जिससे शहीदों के परिवारों के लिए उपलब्ध लाभों को प्राप्त करना आसान हो जाएगा। नीति के नाम को इसके महान उद्देश्यों के साथ जोडक़र, सरकार हमारे सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों द्वारा किए गए बलिदानों का सम्मान करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। यहां यह उल्लेखन करना उचित होगा कि सरकार ने 14 अगस्त, 2023 को ‘अनुकंपा नियुक्ति (सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल युद्ध में हताहत हुए परिवार के सदस्यों के लिए) नीति 2023’ को अधिसूचित किया, ताकि हरियाणा में रहने वाले और युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों के परिवारों को सहायता प्रदान की जा सके।
मंत्रिमंडल में लिए गए अन्य फैसले:
मंत्रिमंडल की बैठक में हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टी.डी.आर.) प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए प्राप्त आवेदनों की जांच और पक्रिया के ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए घटनोत्तर स्वीकृति दी गई,चूंकि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के तहत भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया रूक गई थी। एसओपी का उद्देश्य भूमि स्वामियों द्वारा पूर्णत: स्वैच्छिक विकल्प के माध्यम से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भूमि एकत्रीकरण को सुगम बनाना है, जिससे राज्य सरकार को महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पारदर्शी तरीके से विकसित करने में सक्षम बनाएगी, जिससे अंतत: बड़े सार्वजनिक हित की पूर्ति होगी। मंत्रिमंडल की बैठक में सेवानिवृत्ति आवास के नियोजित विकास के लिए नीति में संशोधन करने को मंजूरी दी गई है, ताकि ऐसी सेवानिवृत्ति आवास परियोजनाओं की योजना एवं डिजाइन में सरलता लाई जा सके। इसके लिए एसोसिएशन ऑफ सीनियर लिविंग इंडिया (एएसएलआई) के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया था। सबसे पहले, पात्र निवासियों के दायरे को व्यापक बनाने के लिए, खंड 2 (ढ्ढढ्ढ) में आयु आवश्यकता को 60 वर्ष से ऊपर की आयु सीमा को घटाकर 55 वर्ष से ऊपर करने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य परियोजनाओं को अधिक समावेशी बनाना है। इसके अतिरिक्त, लागू शुल्क एवं अन्य दरों के संबंध में खंड 7 को इस सीमा तक स्पष्ट किया जा रहा है कि अधिकतम स्वीकार्य एफएआर 225 होने के बावजूद, शुल्क एवं अन्य दर 175 एफएआर पर आधारित ली जाएंगी, जो ग्रुप आवासीय कॉलोनियों के शुल्क ढांचे के अनुरूप होगा और वित्तीय व्यवहार्यता सुनिश्चित करेगा। मंत्रिमंडल की बैठक में नई एकीकृत लाइसेंसिंग नीति (एनआईएलपी)-2022 के तहत विकसित कॉलोनियों में क्रय योग्य विकास अधिकार (पीडीआर) के माध्यम से अतिरिक्त 0.25 फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) प्रदान करने के लिए शुल्क लगाने के संबंध में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।