हरियाणा विधानसभा : बजट सत्र के शून्यकाल में विधायक तीन की बजाय अब पांच मिनट में रख सकेगा अपनी बात
Mar 10, 2025, 19:50 IST

चंडीगढ़, 10 मार्च हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन एक नई परंपरा की शुरूआत हुई। सदन के विधायक अब बजट सत्र के दौरान आयोजित होने वाले शून्यकाल में विधानसभा का सदस्य अब अपनी बात तीन के स्थान पर पांच मिनट में सदन में रख सकेगा।
सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने कहा कि लोकसभा की कार्यवाही के संचालन के दौरान भी कई बार समय के अनुसार नियमों में बदलाव किया गया है। हरियाणा विधानसभा में भी इसी तरह की परंपराएं चलती रही हैं। स्पीकर ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा विधानसभा का नियम है कि शून्यकाल के दौरान विधायक जब अपनी बात रखते हैं तो उनके पास तीन मिनट का समय रहता है। इस कम समयावधि के दौरान विधायक अपनी बात को पूरी तरह से नहीं रख पाते हैं। ऐसे में संसदीय कार्यप्रणाली के सुधार कर नई प्रथा की शुरूआत की जा रही है।
स्पीकर ने सदन में प्रस्ताव रखा कि विधानसभा का बजट सत्र अन्य सत्रों के मुकाबले लंबा होता है। इसलिए आज बजट सत्र के दौरान आयोजित होने वाले शून्यकाल के दौरान प्रत्येक विधायक को अपनी बात सदन में रखने के लिए पांच मिनट का समय दिया जाएगा। स्पीकर ने कहा कि बजट के अलावा अन्य विधानसभा सत्र कम अवधि के होते हैं। सामान्य सत्रों के दौरान विधायकों द्वारा सीधे किसी विषय पर बात रखने की बजाए लिखित नोटिस के माध्यम से अपना विषय रखा जाएगा। विधायक का लिखित नोटिस केवल विषय से संबंधित होगा। विधायक इस नोटिस के बाहर कोई बात सदन में नहीं करेगा। स्पीकर के इस प्रस्ताव पर सदन में सभी विधायकों ने सहमति जताई और सोमवार से नई संसदीय परंपरा की शुरूआत हो गई।
सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने कहा कि लोकसभा की कार्यवाही के संचालन के दौरान भी कई बार समय के अनुसार नियमों में बदलाव किया गया है। हरियाणा विधानसभा में भी इसी तरह की परंपराएं चलती रही हैं। स्पीकर ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा विधानसभा का नियम है कि शून्यकाल के दौरान विधायक जब अपनी बात रखते हैं तो उनके पास तीन मिनट का समय रहता है। इस कम समयावधि के दौरान विधायक अपनी बात को पूरी तरह से नहीं रख पाते हैं। ऐसे में संसदीय कार्यप्रणाली के सुधार कर नई प्रथा की शुरूआत की जा रही है।
स्पीकर ने सदन में प्रस्ताव रखा कि विधानसभा का बजट सत्र अन्य सत्रों के मुकाबले लंबा होता है। इसलिए आज बजट सत्र के दौरान आयोजित होने वाले शून्यकाल के दौरान प्रत्येक विधायक को अपनी बात सदन में रखने के लिए पांच मिनट का समय दिया जाएगा। स्पीकर ने कहा कि बजट के अलावा अन्य विधानसभा सत्र कम अवधि के होते हैं। सामान्य सत्रों के दौरान विधायकों द्वारा सीधे किसी विषय पर बात रखने की बजाए लिखित नोटिस के माध्यम से अपना विषय रखा जाएगा। विधायक का लिखित नोटिस केवल विषय से संबंधित होगा। विधायक इस नोटिस के बाहर कोई बात सदन में नहीं करेगा। स्पीकर के इस प्रस्ताव पर सदन में सभी विधायकों ने सहमति जताई और सोमवार से नई संसदीय परंपरा की शुरूआत हो गई।