हरियाणा की मंडियों में आधी-अधूरी तैयारी : हुड्डा
Updated: Apr 1, 2025, 20:41 IST

चंडीगढ़, 01 अप्रैल हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों को लूटना और उनको बेवजह परेशान करना प्रदेश सरकार की नीति बन गई है। हर एक सीजन में जानबूझकर फसल खरीद शुरू करने में देरी की जाती है और तय की गई तारीख से भी खरीद शुरू नहीं की जाती।
हुड्डा ने मंगलवार को चंडीगढ़ में जारी बयान में कहा कि सरकार ने एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू करने का ऐलान किया है। हमेशा की तरह कहीं उठान के लिए टेंडर नहीं किए गए तो कहीं अढ़तियों को बारदाना तक नहीं दिया गया। उठान नहीं होने के चलते हर बार मंडियों में फसल का अंबार लग जाता है। किसानों को अपनी फसल रखने की जगह तक नहीं मिलती।
हुड्डा ने कहा कि इसबार भी सरकार द्वारा फसल की खरीद और किसानों की सुविधा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा। पानीपत की किसी भी मंडी और खरीद केंद्र में अभी तक उठान के लिए टेंडर तक नहीं हुआ। मंडी की सफाई भी आधी-अधूरी पड़ी हुई है। किसानों को पीने लायक पानी की सप्लाई करने वाला वाटर कूलर भी खराब पड़ा हुआ है। जींद में भी उठान के लिए टेंडर नहीं हुआ और ज्यादातर वाटर कूलर खराब पड़े हुए हैं। फतेहाबाद में भी लोडिंग-अनलोडिंग का टेंडर फाइनल नहीं हो सका है। सिरसा में उठान के लिए लेबर तक का टेंडर नहीं हुआ। कुरुक्षेत्र में श्रम और ढुलाई का टेंडर अभी तक पेंडिंग है। करनाल में एजेंसियों के पास बारदाना पहुंच चुका है लेकिन आढ़तियों को अभी तक नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि अंबाला में न बारदाने की व्यवस्था है और ना ही लाइट की। यमुनानगर में तो कई जगह बिजली की तारें लटकी हुई है और साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त नजर आ रही है। कैथल में तो हालात इतने खराब है कि अभी तक अनाज मंडी के फड़ों और शेड के नीचे धान का स्टॉक पड़ा हुआ है। ऐसे में गेहूं को लेकर आने वाले किसान किसानों को अपनी फसल उतारने में परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी हरकतों से बाज आए और किसानों को पेश आ रही असुविधाओं का संज्ञान ले। सरकार को खरीद, उठान और भुगतान में किसी भी तरह की देरी का जवाब देना पड़ेगा।
हुड्डा ने मंगलवार को चंडीगढ़ में जारी बयान में कहा कि सरकार ने एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू करने का ऐलान किया है। हमेशा की तरह कहीं उठान के लिए टेंडर नहीं किए गए तो कहीं अढ़तियों को बारदाना तक नहीं दिया गया। उठान नहीं होने के चलते हर बार मंडियों में फसल का अंबार लग जाता है। किसानों को अपनी फसल रखने की जगह तक नहीं मिलती।
हुड्डा ने कहा कि इसबार भी सरकार द्वारा फसल की खरीद और किसानों की सुविधा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा। पानीपत की किसी भी मंडी और खरीद केंद्र में अभी तक उठान के लिए टेंडर तक नहीं हुआ। मंडी की सफाई भी आधी-अधूरी पड़ी हुई है। किसानों को पीने लायक पानी की सप्लाई करने वाला वाटर कूलर भी खराब पड़ा हुआ है। जींद में भी उठान के लिए टेंडर नहीं हुआ और ज्यादातर वाटर कूलर खराब पड़े हुए हैं। फतेहाबाद में भी लोडिंग-अनलोडिंग का टेंडर फाइनल नहीं हो सका है। सिरसा में उठान के लिए लेबर तक का टेंडर नहीं हुआ। कुरुक्षेत्र में श्रम और ढुलाई का टेंडर अभी तक पेंडिंग है। करनाल में एजेंसियों के पास बारदाना पहुंच चुका है लेकिन आढ़तियों को अभी तक नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि अंबाला में न बारदाने की व्यवस्था है और ना ही लाइट की। यमुनानगर में तो कई जगह बिजली की तारें लटकी हुई है और साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त नजर आ रही है। कैथल में तो हालात इतने खराब है कि अभी तक अनाज मंडी के फड़ों और शेड के नीचे धान का स्टॉक पड़ा हुआ है। ऐसे में गेहूं को लेकर आने वाले किसान किसानों को अपनी फसल उतारने में परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी हरकतों से बाज आए और किसानों को पेश आ रही असुविधाओं का संज्ञान ले। सरकार को खरीद, उठान और भुगतान में किसी भी तरह की देरी का जवाब देना पड़ेगा।