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डंपिंग स्टेशन के मृतक कर्मचारी को मिलेगी 11 लाख की आर्थिक सहायता

 सहायता राशि के आश्वासन के बाद परिजनों ने करवाया पोस्टमार्टम
 
 डंपिंग स्टेशन के मृतक कर्मचारी को मिलेगी 11 लाख की आर्थिक सहायता
 हिसार, 26 अप्रैल  सिरसा रोड स्थित ढंढूर गांव के डंपिंग स्टेशन में
कार्यरत 54 वर्षीय सफाई कर्मचारी सुरेश कुमार की मौत के मामले में प्रशासन ने परिवार
को 11 लाख की आर्थिक सहायता देने सहित अन्य मांगों पर सहमति जताई है। दो दिन के विरोध
प्रदर्शन के बाद परिजनों ने नागरिक अस्पताल में चल रहा धरना समाप्त कर दिया। अस्पताल
में पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार जींद निवासी सुरेश के बेटे अजय कुमार ने बताया कि वर्तमान
में वह तलवंडी राणा में रहता है। उसके पिता ठेकेदार महेंद्र के माध्यम से डंपिंग प्लांट
में स्वीपर के पद पर कार्यरत थे। वे रोजाना सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक ड्यूटी करते
थे। 24 अप्रैल को वह सामान्य दिनों की तरह ठीक-ठाक घर से निकले थे। दोपहर में जब वह
हांसी में काम कर रहा था, तब बुआ के बेटे राजकुमार का फोन आया कि पिता की मौत हो गई
है।
अजय ने बताया कि डंपिंग स्टेशन में कर्मचारियों के लिए कोई बुनियादी सुविधाएं
नहीं हैं। वहां लगातार दुर्गंध का माहौल रहता है और आराम करने के लिए सिर्फ एक लोहे
का कंटेनर है, जो गर्मी में तपता रहता है। कार्यस्थल पर सुविधाओं के अभाव के कारण ही
पिता की मौत हुई। घटना के विरोध में शनिवार सुबह मृतक के परिजनों और नगर निगम कर्मचारियों ने
परिजात चौक से नगर निगम तक पैदल मार्च किया।
प्रदर्शनकारियों ने जॉइंट कमिश्नर को मांग
पत्र सौंपा, जिसमें ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। साथ ही कर्मचारियों
के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियों की मांग भी उठाई गई। सदर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर
लिया है। मृतक के तीन बेटे हैं, जिनमें से अजय मेहनत-मजदूरी का काम करता है। प्रशासन
की ओर से 11 लाख की आर्थिक सहायता और अन्य मांगों पर सहमति बनने के बाद परिजनों ने
पोस्टमॉर्टम करवाकर शव ले लिया और नागरिक अस्पताल में चल रहा धरना समाप्त कर दिया।
स्थानीय श्रमिक संगठनों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मांग की है कि सभी
डंपिंग स्टेशनों पर कर्मचारियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं, पीने का पानी, शौचालय और
विश्राम स्थल की व्यवस्था की जाए। साथ ही कार्यस्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए
जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं न हों।