सरकार ने लगाई पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के निलंबन पर मुहर
एक्सइन व एसडीओ मुख्यालय में करेंगे नौकरी, जेई को नौकरी से निकाला
Nov 16, 2024, 20:04 IST
हिसार, 16 नवंबर लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा के निर्देशों पर
सस्पेंड किए गए विभाग के तीन अधिकारियों पर सरकार ने कार्रवाई की मुहर लगा दी है। शनिवार
को राज्यपाल के निर्देशों पर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल ने आदेश
जारी किए, जिसके तहत निलंबन अवधि के दौरान कार्यकारी अभियंता रजनीश जैन और एसडीओ डीएस
राठी को चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय में लगाया गया है। वे चीफ इंजीनियर की अनुमति के बिना
मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। इसके अलावा रिटायरमेंट के बाद कॉन्ट्रेक्ट आधार पर कार्य
कर रहे जेई सुरेश कुमार को नौकरी से हटा दिया गया है। यहां यह उल्लेखनी है कि कार्यकारी
अभियंता रजनीश की 31 दिसंबर को रिटायरमेंट है।
दूसरी तरफ हिसार के अधीक्षक अभियंता अजीत सिंह ने अपने अफसरों व कर्मचारियों
से मीडिया से दूर रहने की सलाह दी है। आदेशों में एसई ने कहा है कि कोई मीडिया में
किसी भी खबर के लिए वर्जन नहीं देगा और ना ही बीएंडआर के कार्यों के बारे में बताएगा।
दूसरी तरफ कार्यकारी अभियंता पर कार्रवाई पर विभाग के कर्मचारियों ने रोष जताया है।
अफसरों पर कार्रवाई के खिलाफ इंजीनियरिंग यूनियन आंदोलन का मूड भी बना रही है लेकिन
फिलहाल वह लैब की रिपोर्ट के इंतजार में है। रोड की हालत को देखते हुए विभाग ने ठेकेदार
की पूरी पेमेंट रोक दी है और ग्रामीण दोबारा से इस रोड पर लेयर बिछाने की मांग ठेकेदार
से कर रहे हैं।
मामले के अनुसार धिकताना से धान्सू करीब साढ़े पांच किलोमीटर लंबे इस रोड पर
सवा करोड़ रुपए खर्च हुए हैं और करीब एक महीने पहले ही यह रोड बनकर तैयार हुआ है। जब
से यह रोड बना है तब से ही इस पर विवाद शुरू हो गया था। वाहन चलने से यह रोड जगह-जगह
से बैठ गई। इस रोड पर तारकोल की लेयर वाहनों के टायर से ही उखड़ने लग गई थी। ग्रामीणों
ने इसकी शिकायत सरपंच से लेकर भाजपा नेताओं से की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि इस रोड
का निर्माण करते समय ठेकेदार ने पैसे बचाने के चक्कर में कई अनियमितताएं की। इसके बाद
मामला विभाग के मंत्री रणबीर गंगवा तक पहुंचा जिसके बाद वे इसकी जांच करने पहुंचे थे।
दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि रोड के टेंडर में भी खेल किया गया है। उसी
ठेकेदार को टेंडर मिला जिसकी शिकायतें पूर्व में कई बार भाजपा नेताओं ने ही की है।
इससे पहले यह ठेकेदार दूसरी सड़कें बना चुका है, जिसमें हर बार अनियमितताएं पाई गईं।
फिर भी अफसर हमेशा इस ठेकेदार पर मेहरबान रहे। यही कारण है कि रोड निर्माण के समय जेई
और एसडीओ ने पूरे रोड बनने के दौरान इसका एक बार भी निरीक्षण नहीं किया। मंत्री गंगवा
शुक्रवार को रोड की जांच करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान मंत्री ने सड़क के बीच गाड़ी
रुकवाई और ठोकर मारी तो बजरी सड़क पर बिखर गई। मंत्री के पास इस रोड की शिकायत आ रही
थी।
सस्पेंड किए गए विभाग के तीन अधिकारियों पर सरकार ने कार्रवाई की मुहर लगा दी है। शनिवार
को राज्यपाल के निर्देशों पर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल ने आदेश
जारी किए, जिसके तहत निलंबन अवधि के दौरान कार्यकारी अभियंता रजनीश जैन और एसडीओ डीएस
राठी को चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय में लगाया गया है। वे चीफ इंजीनियर की अनुमति के बिना
मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। इसके अलावा रिटायरमेंट के बाद कॉन्ट्रेक्ट आधार पर कार्य
कर रहे जेई सुरेश कुमार को नौकरी से हटा दिया गया है। यहां यह उल्लेखनी है कि कार्यकारी
अभियंता रजनीश की 31 दिसंबर को रिटायरमेंट है।
दूसरी तरफ हिसार के अधीक्षक अभियंता अजीत सिंह ने अपने अफसरों व कर्मचारियों
से मीडिया से दूर रहने की सलाह दी है। आदेशों में एसई ने कहा है कि कोई मीडिया में
किसी भी खबर के लिए वर्जन नहीं देगा और ना ही बीएंडआर के कार्यों के बारे में बताएगा।
दूसरी तरफ कार्यकारी अभियंता पर कार्रवाई पर विभाग के कर्मचारियों ने रोष जताया है।
अफसरों पर कार्रवाई के खिलाफ इंजीनियरिंग यूनियन आंदोलन का मूड भी बना रही है लेकिन
फिलहाल वह लैब की रिपोर्ट के इंतजार में है। रोड की हालत को देखते हुए विभाग ने ठेकेदार
की पूरी पेमेंट रोक दी है और ग्रामीण दोबारा से इस रोड पर लेयर बिछाने की मांग ठेकेदार
से कर रहे हैं।
मामले के अनुसार धिकताना से धान्सू करीब साढ़े पांच किलोमीटर लंबे इस रोड पर
सवा करोड़ रुपए खर्च हुए हैं और करीब एक महीने पहले ही यह रोड बनकर तैयार हुआ है। जब
से यह रोड बना है तब से ही इस पर विवाद शुरू हो गया था। वाहन चलने से यह रोड जगह-जगह
से बैठ गई। इस रोड पर तारकोल की लेयर वाहनों के टायर से ही उखड़ने लग गई थी। ग्रामीणों
ने इसकी शिकायत सरपंच से लेकर भाजपा नेताओं से की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि इस रोड
का निर्माण करते समय ठेकेदार ने पैसे बचाने के चक्कर में कई अनियमितताएं की। इसके बाद
मामला विभाग के मंत्री रणबीर गंगवा तक पहुंचा जिसके बाद वे इसकी जांच करने पहुंचे थे।
दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि रोड के टेंडर में भी खेल किया गया है। उसी
ठेकेदार को टेंडर मिला जिसकी शिकायतें पूर्व में कई बार भाजपा नेताओं ने ही की है।
इससे पहले यह ठेकेदार दूसरी सड़कें बना चुका है, जिसमें हर बार अनियमितताएं पाई गईं।
फिर भी अफसर हमेशा इस ठेकेदार पर मेहरबान रहे। यही कारण है कि रोड निर्माण के समय जेई
और एसडीओ ने पूरे रोड बनने के दौरान इसका एक बार भी निरीक्षण नहीं किया। मंत्री गंगवा
शुक्रवार को रोड की जांच करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान मंत्री ने सड़क के बीच गाड़ी
रुकवाई और ठोकर मारी तो बजरी सड़क पर बिखर गई। मंत्री के पास इस रोड की शिकायत आ रही
थी।