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बार-बार परीक्षा रद की सरकार कर रही है परीक्षार्थियों का मानसिक, शारीरिक और आर्थिक उत्पीडऩ: कुमारी सैलजा

 कहा-एक गलती को छुपाने के लिए बार-बार गलती क रने के बजाए परीक्षार्थियों के साथ न्याय करे सरकार
 
  बार-बार परीक्षा रद की सरकार कर रही है परीक्षार्थियों का मानसिक, शारीरिक और आर्थिक उत्पीडऩ: कुमारी सैलजा
चंडीगढ़, 23 जून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) की नवनिर्वाचित  सांसद कुमारी सैलजा  ने कहा
कि बार-बार परीक्षाएं रद कर सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।  सरकार परीक्षार्थियों का मानसिक, शारीरिक और आर्थिक
रूप से उत्पीडऩ कर रही है। सरकार अपनी गलती को छुपाने के  बजाए गलती पर गलती कर रही है।  सरकार को परीक्षार्थियों के हक में कोई कदम उठाकर उनके साथ न्याय करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि न्याय की जंग में वे परीक्षार्थियों के साथ खड़ी हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि  23 जून को नीट पी की परीक्षा आयोजित की जाने थी पर परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था  नेशनल ब्यूरो आफ एग्जामिनेशन की ओर से 22 जून को इस परीक्षा को रद करने की सूचना जारी की गई जबकि परीक्षार्थी एक दिन पहले पहले ही अपने अपने परीक्षा केंं द्र वाले शहर में पहुंच गए थे। इससे पूर्व यूजीसी नेट परीक्षा को भी रद कर दिया गया था। एक के बाद एक परीक्षा के पेपर लीक हो रहे है  और सरकार है कि हाथ पर हाथ रखे बैठी है, सांप निकलने के बाद लकीर पीटने से युवाओं का भला होने वाला नहीं है युवा देश के भविष्य है और सरकार देश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड कर रही। परीक्षार्थी पहले ही परीक्षा के रद होने को लेकर मानसिक तनाव में है ऊपर से फिर परीक्षा रद कर दी गई।
उन्होंने कहा कि  सरकार परीक्षार्थियों का मानसिक, शारीरिक और आर्थिकरूप से उत्पीडऩ कर रही है जो किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। सरकार को पता है कि उसकी अनदेखी के चलते युवा अपने भविष्य के लिए सडक़ों पर उतर कर संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब सरकार पर चारो ओर से भारी दवाब बना तो एनटीए के खिलाफ 47 दिन बाद कार्रवाई करते हुए एनटीए के डीजी को हटा दिया गया। नीट यूजी में गे्रस माक्र्स  पाने वाले 1563 परीक्षार्थियों की छह सेंटर पर रविवार को दुबारा परीक्षा होनी थी, जब सरकार की ओर से तैयारी नहीं थी तो पुन: परीक्षा की तिथि क्यों घोषित की गई, पूरी तैयारी के बाद ही परीक्षा की तिथि तय की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अब परीक्षार्थियों को सरकार के बजाए अदालत पर भरोसा है, परीक्षार्थियों की ओर से कोर्ट में 46 याचिकाएं  दाखिल हो चुकी है।बार-बार परीक्षा रद की सरकार कर रही है परीक्षार्थियों का मानसिक,