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क्लर्कों के आंदोलन से झुकी सरकार

नो वर्क-नो पे का ऐलान वापस; हड़ताल अवधि को माना छुट्टी 
 
क्लर्कों के आंदोलन से झुकी सरकार 

चंडीगढ़, 07 सितंबर। हरियाणा सरकार ने आंदोलनरत 15 हजार क्लर्कों को राहत दे दी है। सरकार द्वारा स्ट्राइक के दौरान लागू किए नो वर्क-नो पे के ऐलान को वापस ले लिया गया है। साथ ही स्ट्राइक के समय को लीव ऑफ काइंड ड्यू के तौर पर माना जाएगा। साथ ही सरकार ने फैसला किया है कि हड़ताल अवधि को सर्विस ब्रेक नहीं माना जाएगा। अब सरकार ने क्लर्कों की हड़ताल के समय का वेतन जारी करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
5 जुलाई से क्लर्कों ने शुरू की थी स्ट्राइक

क्लर्कों की तरफ से 5 जुलाई को ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल का ऐलान किया गया था, जिसके बाद सरकार की ओर से हड़ताली क्लर्कों के लिए 27 जुलाई को नो वर्क नो पे का ऐलान किया। इसे हरियाणा सरकार ने देर रात 6 सितंबर को वापस ले लिया। हाल ही में हुई क्लर्कों की सरकार के साथ बैठक के बाद हड़ताल खत्म हो गई थी।

कमेटी बनी, सरकार का ऑफर ठुकराया था

बैठक में सरकार की और से 21,700 पे स्केल का ऑफर दिया गया था, लेकिन एसोसिएशन ने इसे ठुकरा दिया। इसके बाद मामले में 2 रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों समेत चार से पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी 3 महीने क्लर्कों की सभी मांगों पर चर्चा कर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी। तब तक लिपिकों की राज्यव्यापी की हड़ताल स्थगित रहेगी। हड़ताल के दौरान लिपिकों को सरकार ने रुका वेतन देने का फैसला भी किया है। क्लर्को पर लगाया गया एस्मा भी हटा दिया गया है।