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भाजपा में मान सम्मान तो मिला पर विचारधारा नहीं मिल पाई: बृजेंद्र सिंह

 
बोले: कांग्रेस से टिकट न मिलाना उनके लिए सीख, इसके बेहतर परिणाम निकलेंगे
 
   भाजपा में मान सम्मान तो मिला पर विचारधारा नहीं मिल पाई: बृजेंद्र सिंह
कैथल, 19 मई  हिसार के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा है कि कांग्रेस से टिकट न मिलने का उन्हें बहुत मलाल है। वह सिटिंग एमपी थे उन्हें टिकट मिलना चाहिए था, लेकिन अंदरूनी राजनीति के चलते उन्हें टिकट नहीं मिला। इससे वह निराश नहीं है। लोगों के सामने बहुत सी चीजें समय के साथ उजागर होंगी। वे रविवार को पंतनगर में मप्पड़ थुआ के निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मेरे राजनीति में 5 साल आसानी से निकले। मैं राजनीतिक तौर पर परिपक्व नहीं आया। यह हमारे लिए यह सीख है। मेरे लिए यह बेहतर था कि ये झटका लगे। मैं सोचूंगा कि दुनिया उतनी सीधी नहीं है, जितना मैं सोचता हूं। बृजेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा छोड़ने का उन्हें कोई मलाल नहीं है। भाजपा उन्होंने इसीलिए नहीं छोड़ी थी कि उन्हें कुछ मिल नहीं पा रहा था, बल्कि इसलिए छोड़ी थी कि वह भारतीय जनता पार्टी में असहज महसूस कर रहे थे।
भाजपा में उनको व उनके पिता को पूरा मान सम्मान मिला। भाजपा ने वीरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनाया, लेकिन 5 साल प्रदेश से अकेले केंद्र में मंत्री रहे। वे विचारधारा के तौर पर भाजपा में सम्मिलित नहीं हो पाए। वे सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आए हैं। नौकरी में भी पब्लिक डीलिंग होती थी लेकिन राजनीति का दायरा उससे बड़ा है। स्वाति मालीवाल के मुद्दे पर वह बोले कि कोई महिला जो महिला आयोग की अध्यक्ष रही हो और राज्यसभा की संसद हो अगर वह कोई आरोप लगाती है तो उसे संजीदगी से लिया जाना चाहिए।
स्वाति मालीवाल ने जो आरोप लगाए हैं और जो दो वीडियो सामने आए हैं। उनमें आपस में कोई मेल नहीं बनता। पुलिस जांच करेगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। बृजेंद्र सिंह ने कहा कि राजनीति मुझे चौधरी वीरेंद्र सिंह से विरासत में मिली है, लेकिन मेरी सोच अपनी व्यक्तिगत है। मैं राजनीति भी अपनी सोच के अनुसार ही करता हूं। भाजपा के 400 पार के नारे पर वह बोले कि ये नारा अब बीजेपी भूल चुकी है, मोदी जी भी अपने भाषण में अब मुसलमान और मंगलसूत्र पर उतर आए हैं। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वह परिस्थितियों बनी भी थी, लेकिन वह हालत अब ग्राउंड पर नहीं है। 400 पर का नारा इस तरह का है जैसा 2019 विधानसभा चुनाव में 75 पर का था। इस मौके पर सुरेंद्र ढुल, धर्मपाल मलिक, वीर करण राणा, पुष्पेंद्र तंवर, कर्म सिंह कादयान, रामकुमार शर्मा व लीलू चौशाला मौजूद थे