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सिरसा-रानियां-टिब्बी-हनुमानगढ़ सडक़ को चार-मार्गीय किया जाना समय की आवश्यकता: कुमारी सैलजा

 सांसद सैलजा इससे पूर्व भी कर चुकी हैं सिरसा-ऐलनाबाद-रावतसर मार्ग को चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग
 
 सिरसा-रानियां-टिब्बी-हनुमानगढ़ सडक़ को चार-मार्गीय किया जाना समय की आवश्यकता: कुमारी सैलजा
 चंडीगढ़ 25 दिसंबर। 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने भारत सरकार से मांग की है कि सिरसा-रानियां-टिब्बी-हनुमानगढ़ सड़क को शीघ्र चार-मार्गीय (फोर लेन) किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सड़क हरियाणा और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, व्यापार और संपर्क के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे पूर्व सैलजा ने सिरसा-ऐलनाबाद-रावतसर मार्ग को चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर भारतमाला परियोजना में शामिल करने की मांग कर चुकी है।

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने  कहा कि सिरसा-रानियां-टिब्बी-हनुमानगढ़ सडक़ के चार-मार्गीय होने से श्रीगंगानगर के निकट स्थित लालगढ़ सैन्य छावनी की दूरी हिसार सैन्य छावनी से सबसे कम हो जाएगी, जिससे सेना की त्वरित आवाजाही और रणनीतिक तैयारियों को मजबूती मिलेगी। यह मार्ग रक्षा दृष्टि से देश के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस सड़क के विकसित होने से नई दिल्ली से श्रीगंगानगर की दूरी भी न्यूनतम हो जाएगी। वर्तमान में सिरसा से श्रीगंगानगर जाने के जो तीन प्रमुख मार्ग हैं, उनकी तुलना में यह मार्ग सबसे कम दूरी, कम समय और कम ईंधन खर्च वाला बनेगा। कुमारी सैलजा ने बताया कि चार-मार्गीय सड़क बनने से क्षेत्र के किसानों, व्यापारियों और उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा। कृषि उपज और औद्योगिक माल का परिवहन तेज़ होगा, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा। साथ ही, सडक़ दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यात्रियों को सुरक्षित व सुगम आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी। सांसद ने भारत सरकार से आग्रह किया कि जनहित, राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास को ध्यान में रखते हुए सिरसा-रानियां-टिब्बी-हनुमानगढ़ सड़क को प्राथमिकता के आधार पर चार-मार्गीय राष्ट्रीय मार्ग के रूप में स्वीकृत कर निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए। 

इससे पूर्व सांसद कुमारी सैलजा सिरसा-ऐलनाबाद-रावतसर मार्ग को चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर भारतमाला परियोजना में शामिल करने की मांग कर चुकी है। यह मार्ग हरियाणा के सिरसा जिले को राजस्थान के रावतसर से जोड़ता है और दोनों राज्यों के आर्थिक, सामाजिक एवं व्यापारिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्तमान में यह सड़क दो राज्यों के बीच संपर्क का एक प्रमुख साधन है, जिसे उन्नत किए जाने की लंबे समय से आवश्यकता महसूस की जा रही है। सिरसा से ऐलनाबाद होते हुए रावतसर तक का यह मार्ग केवल स्थानीय आवागमन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हरियाणा, राजस्थान तथा पश्चिम भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों विशेषकर गुजरात के साथ एक वैकल्पिक और सुगम संपर्क मार्ग की भूमिका भी निभा सकता है। इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को नया आयाम मिलेगा। इस मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित होने से हिसार क्षेत्र स्थित सैन्य छावनियों (लालगढ़ क्षेत्र) से पश्चिमी राजस्थान एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा (पाकिस्तान सीमा) तक की दूरी में उल्लेखनीय कमी आएगी। इससे रक्षा बलों की त्वरित आवाजाही, लॉजिस्टिक सप्लाई तथा आपातकालीन परिस्थितियों में रणनीतिक तैनाती अधिक प्रभावी रूप से संभव हो सकेगी। इस प्रकार यह मार्ग राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।