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चुनाव की घाेषणा के बाद चार विधायकाें ने छाेड़ी जजपा​​​​​​​

 
अनूप धानक, रामकरण काला, ईश्वर सिंह व देवेंद्र बबली ने दुष्यंत काे साैंपे इस्तीफे
 
  चुनाव की घाेषणा के बाद चार विधायकाें ने छाेड़ी जजपा​​​​​​​
चंडीगढ़, 17 अगस्त  हरियाणा में विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही राजनीतिक दलों में भगदड़ मचनी शुरू हो गई है। चुनाव का ऐलान होने के 24 घंटे के भीतर ही तीन विधायक जननायक जनता पार्टी को छोड़ चुके हैं। शुक्रवार की शाम पूर्व मंत्री अनूप धानक ने सबसे पहले दुष्यंत चौटाला को झटका दिया। इसके बाद शनिवार को शाहबाद के विधायक रामकरण काला तथा टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली ने जजपा छोड़ दी बोल दिया। दोनों विधायकों ने चंडीगढ़ में अपने इस्तीफे की प्रतियां मीडिया को भी जारी कीं।
दरअसल, 12 मार्च को गठबंधन टूटने के बाद से जननायक जनता पार्टी लगातार बिखराव की तरफ बढ़ती रही। लोकसभा चुनाव के दौरान जजपा के विधायक जोगीराम सिहाग तथा रामनिवास सुरजा खेड़ा खुनकर भाजपा के समर्थन में आ गए थे। लोकसभा चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जजपा ने इन विधायकों के खिलाफ स्पीकर की अदालत में दल बदल कानून के तहत बकायदा याचिका दायर कर चुकी है। जिस पर सुनवाई जारी है। इस बीच शुक्रवार को विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही सबसे पहले पूर्व मंत्री अनूप धानक ने शुक्रवार की रात पार्टी से इस्तीफा दिया। अनूप धानक दुष्यंत के सबसे करीबी विधायकों में से एक थे। धानक मंत्री होते हुए भी ज्यादातर समय दुष्यंत के साथ ही रहते थे। इस बीच शनिवार को शाहबाद से जजपा विधायक रामकरण काला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। रामकरण काला का बेटा पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुका है और काला कई माह से सक्रिय राजनीति से दूर होकर घर बैठे हुए थे। काला के कुछ समय बाद टोहाना के विधायक एवं पूर्व विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने भी जजपा से इस्तीफा दे दिया। बबली लोकसभा चुनाव के दौरान कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस नेताओं के कैंप में दिखाई दिए। पिछले कुछ माह से वह अपने स्तर पर ही राजनीति कर रहे थे। बबली के नए दल में शामिल होने को लेकर कांग्रेस तथा भाजपा में से कोई भी आशान्वित नहीं है। बबली के कुछ समय बाद गुलहा-चीका से जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। ईश्वर सिंह पुराने कांग्रेसी रहे हैं और उनकी गिनती कुमारी सैलजा के करीबियों में होती है। लोकसभा चुनाव के दौरान ईश्वर सिंह का बेटा कांग्रेस में शामिल हो चुका है।
पिछले 24 घंटे में चार विधायकों के इस्तीफा दिए जाने के बाद जजपा पूरी तरह से हाशिए पर आती दिख रही है। जजपा में अब दुष्यंत चौटाला तथा उनकी माता नैना चौटाला के अलावा विधायक अमरजीत ढांडा तथा रामकुमार गौतम ही बचे हैं। रामकुमार गौतम पहले ही दुष्यंत के खिलाफ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान वह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से तो मिले लेकिन खुलकर अभी किसी पार्टी में नहीं गए।