पूर्व सीएम हुड्डा की मुश्किलें बढ़ी : पीएमएलए कोर्ट के फैसले को ईडी ने दी हाईकोर्ट में चुनौती
Nov 13, 2024, 20:17 IST
चंडीगढ़, 13 नवम्बर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरूद्ध चल रहे प्लाॅट आवंटन मामले में बुधावार काे नया माेड़ ले लिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंचकूला स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत की ओर से सुनवाई पर रोक लगाए जाने के करीब छह माह बाद आज काे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने आवेदन को स्वीकार कर लिया है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बतौर मुख्यमंत्री हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अयोग्य आवेदकों को प्लॉट बांटे दिए थे। इसके लिए उन्होंने अपने अनुसार नियमों में बदलाव भी किया। मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस महाबीर सिंह सिंधू ने अगली सुनवाई नौ दिसम्बर तय करते हुए याचिका पर नोटिस जारी किया। इस मामले पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी की वकील डॉ. नेहा अवस्थी के साथ बहस की। ईडी ने अपनी याचिका में कहा कि मामला इंडस्ट्रियल प्लॉट के आवंटन से संबंधित है।
हुड्डा ने आवंटन मानदंडों को अंतिम रूप देने के लिए फाइल को लम्बे समय तक अपने पास रखा। उस समय पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के भी अध्यक्ष थे। पूर्व सीएम ने अपने कार्यकाल के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और आवेदन आमंत्रित करने की छह जनवरी, 2016 की अंतिम तिथि के बाद 24 जनवरी 2016 को मानदंडों को बदल दिया।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बतौर मुख्यमंत्री हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अयोग्य आवेदकों को प्लॉट बांटे दिए थे। इसके लिए उन्होंने अपने अनुसार नियमों में बदलाव भी किया। मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस महाबीर सिंह सिंधू ने अगली सुनवाई नौ दिसम्बर तय करते हुए याचिका पर नोटिस जारी किया। इस मामले पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी की वकील डॉ. नेहा अवस्थी के साथ बहस की। ईडी ने अपनी याचिका में कहा कि मामला इंडस्ट्रियल प्लॉट के आवंटन से संबंधित है।
हुड्डा ने आवंटन मानदंडों को अंतिम रूप देने के लिए फाइल को लम्बे समय तक अपने पास रखा। उस समय पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के भी अध्यक्ष थे। पूर्व सीएम ने अपने कार्यकाल के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और आवेदन आमंत्रित करने की छह जनवरी, 2016 की अंतिम तिथि के बाद 24 जनवरी 2016 को मानदंडों को बदल दिया।