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ईडी की रडार पर फिर आए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा

 
 ईडी  की रडार पर फिर आए पूर्व सीएम  भूपेंद्र हुड्डा
चंडीगढ़ 29 जनवरी  हरियाणा के पूर्व सीएम  भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक बार फिर से जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय  के निशाने पर है। दिल्ली में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी  के मुख्यालय में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इससे पहले हुई पूछताछ में जांच के दौरान कई सवालों का जवाब पूर्व सीएम  ने सही नहीं दिया था, जिसके बाद उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह से दिल्ली के ईडी मुख्यालय में 14 दिन में दूसरी बार पूछताछ की जा रही है। दरअसल भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर गुडग़ांव के नजदीक मानेसर में प्राइवेट बिल्डर्स को फायदा पहुंचाने का आरोप है। आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे कम कीमत पर बिल्डरों को बेच दिया गया। हालांकि अभी तक ईडी ने इस बारे में कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि पहली पूछताछ में ईडी को कई सवालों के जवाब भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नहीं मिले जिसके बाद दोबारा उनसे पूछताछ की जा रही है। इससे पहले 17 जनवरी को हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर पर ईडी  की टीम सुबह पहुंची थी। भूमि अधिग्रहण से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी  ने उनसे पूछताछ भी की थी। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ही एजेंसी ने कांग्रेस के 76 वर्षीय नेता का बयान दर्ज किया है। ईडी  ने फरवरी 2021 में इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। यह मामला पंचकूला में औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन से जुड़ा है। इस केस में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा 21 अन्य लोगों के भी नाम शामिल किए गए हैं। ईडी  के अनुसार यह मामला 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम में 14 औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन का है। इस मामले में आरोप हैं कि प्लॉटों के आवंटन का यह मामला तत्कालीन सीएम भूपेंद्र हुड्डा के भी संज्ञान में था।
इन प्लॉटों का आवंटन सर्किल रेट से 4 से 5 गुना तक कम में किया गया था। इसके अलावा मार्केट रेट से 7-8 गुना कम में हुआ। ईडी  की ओर से 2021 में जारी बयान के मुताबिक भूपेद्र सिंह हुड्डा के अलावा 4 पूर्व ढ्ढआईएएस  अधिकारी धर्मपाल सिंह नागल, सुभाष चंद्र कंसल, नरेंद्र सिंह सोलंकी, भारत भूषण तनेजा भी शामिल थे।
ईडी  की ओर से ये भी आरोप लगाए गए हैं कि इन लोगों के पास इस डील का पैसा पहुंचा था, जिसके तहत औने-पौने दाम पर ये कीमती प्लॉट आवंटित हुए थे। इन 14 औद्योगिक प्लॉटों को सीज भी किया गया है और अब यह उनके कब्जे में नहीं है, जिन्हें यह आवंटित किए गए थे।