फतेहाबाद के अध्यापक 22 को करेंगे प्रदर्शन, मई में होगा जिला स्तरीय सम्मेलन
Apr 5, 2025, 14:24 IST

फतेहाबाद, 5 अप्रैल। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ब्लाक फतेहाबाद कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फतेहाबाद में प्रधान हरपाल हुडडा की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन सचिव मुरारी लाल ने किया। बैठक को संबोधित करते हुए खंड प्रधान हरपाल हुडडा ने सरकार की कौशल टीचरों को हटाने की नीति का कड़ा विरोध किया और सरकार से इस पत्र को वापस लेकर सभी कौशल टीचरों, गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर एवं एनएसक्यूएफ टीचरों को तुरंत प्रभाव से नियमित करने की मांग की। संघ ने कहा कि अगर सरकार कौशल टीचरों को हटाने के आदेश वापस नहीं लेती है, तो हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ब्लाक फतेहाबाद 22 अप्रैल को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय फतेहाबाद पर ब्लॉक स्तरीय प्रदर्शन करके हरियाणा सरकार को ज्ञापन देगा। अगर सरकार फिर भी समस्या का हल नहीं करती है, तो मई में जिला स्तरीय व जून में राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। जब तक पहले से हटाए जा चुके व अब रोजगार खोने वाले सभी शिक्षकों का समायोजन नहीं होगा, आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में राज्य आडिटर सुरजीत दुसाद, जिला प्रधान राजपाल मिताथल, जिला वरिष्ठ उपप्रधान डॉ नीतु डूडेजा, कोषाध्यक्ष राजेश गोठड़ा, दलवन्ती उप प्रधान, पूजा नागपाल, गुरदियाल सिंह राजेश कुमार डीपी आदि पदाधिकारी उपस्थित हुए। संघ के राज्य ऑडिटर सुरजीत दुसाद, जिला प्रधान राजपाल मिताथल व जिला वरिष्ठ उपप्रधान डॉ. नीतु डूडेजा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग व हरियाणा सरकार की वायदा खिलाफी और हठधर्मिता के विरोध में 15 से 22 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में धरने-प्रदर्शन किए जाएंगे। मई में जिला स्तरीय प्रदर्शन व 20 मई को अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर हड़ताल की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार, शिक्षा विभाग को बंद करने और सिकोडऩे के इरादे से पहले शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में उलझाकर बच्चों से दूर रखती है। एक तिहाई पद हमेशा खाली रखते है। हजारों सहायक स्टाफ के खाली पदों का वर्कलोड शिक्षकों पर डालती है। इतने पर भी बच्चे सरकारी स्कूल छोडक़र न जाएं, तो चिराग योजना से फीस का लालच देकर अपने ही सरकारी स्कूलों की हत्यारी बनी हुई है। ऊपर से षड्यंत्रकारी शर्त यह कि पहले बच्चे होंगे, तो ही शिक्षकों के पद दिए जाएंगे। ऐसे ही हर वर्ष हजारों शिक्षकों के पद खत्म किए जा रहे हैं। शिक्षा नीति 2020 के बाद से अब तक लगभग तीस हजार पद खत्म किए जा चुके हैं। इसी कड़ी में कौशल टीचरों को हटाने के फरमान जारी किए गए हैं। हजारों कौशल शिक्षकों को हटाने के शिक्षा विरोधी, शिक्षक विरोधी फरमान अब जारी किये गये हैं।