फतेहाबाद: एमपी रोही डिस्ट्रीब्यूटरी टूटी, 150 एकड़ भूमि जलमग्न
किसानों की पकी हुई धान की फसल और हाल ही में बिजाई की गई गेहूं की खेती बर्बाद
Nov 19, 2023, 17:57 IST

फतेहाबाद, 19 नवंबर जिले के गांव खजूरी जाटी एवं बालनवाली के बीच शनिवार रात करीब 11 बजे एमपी रोही डिस्ट्रीब्यूटरी अचानक टूट गई। नहर टूटने से यहां की सैंकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न हो गई। ज्यादातर भूमि पर धान की कटी व खड़ी फसल है, जो पानी में डूब गई है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।खेतों में दो से अढ़ाई फीट पानी भरने से रबी फसलों की बिजाई पर भी संकट के बादल मंडरा गए है। सूचना मिलने के बाद सिंचाई विभाग का दस्ता मौके पर तो पहुंचा लेकिन टूटी डिस्ट्रीब्यूटरी को ठीक करने का कार्य जल्द शुरू नहीं हो पाया।
प्रभावित किसानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है। डिस्ट्रीब्यूटरी की पटरी पहले से कमजोर थी। ऐसे में जैसे ही 40 क्यूसिक पानी आया तो यह पानी का दबाव झेल नहीं पाई और खजूरी जाटी की तरफ करीब 30 फीट के हिस्से में ढह गई। इससे खेतों की तरफ पानी का तेज बहाव हुआ और कुछ ही घटों के अंदर 150 एकड़ से अधिक भूमि जलमग्न हो गई।
किसानों ने बताया कि यह डिस्ट्रीब्यूटरी कुछ दिन से बंद थी। इसमें 11 नवंबर की शाम को ही पानी आया था और 18 नवंबर की रात्रि को यह टूट गई। सुबह जब किसान खेतों की तरफ ग, तब सब कुछ जलमग्न था। उसके बाद तो भारी संख्या में किसान गाव से खेतों की तरफ दौड़ पड़े। डिस्ट्रीब्यूटरी के टूटे हिस्से के पास पहुंचे। प्रशासन व सिंचाई विभाग को सूचना दी गई लेकिन पानी का बहाव तेज होने के कारण डिस्ट्रीब्यूटरी के टूटे हिस्से को ठीक करने का कार्य जल्द नहीं हो पाया।
किसान हनुमान सिंह, सुखदेव सिंह, हरपाल सिंह, नरेश कुमार, सुधीर कुमार, कृष्ण कुमार, संजय कुमार, दारा सिंह, रोहताश, जयकरण, होशियार, प्रदीप समेत बड़ी संख्या में सभी प्रभावित किसानों ने इसके लिए सिंचाई विभाग और सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि डिस्ट्रीब्यूटरी की पटरी पहले से कमजोर थी। जो एक सप्ताह पहले भी इसी जगह से टूट चुकी है, मगर विभाग ने इसको अच्छे ढंग से दुरुस्त नहीं किया गया।
इस बारे सिंचाई विभाग के एसडीओ राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूटरी की टूटने की सूचना मिलती ही रविवार की सुबह सिंचाई विभाग की पूरी टीम मौके पर पहुंच गई। डिस्ट्रीब्यूटरी की पटरी को ठीक करने के लिए मजदूर व जेबीसी की मदद से दुरुस्त करने के प्रयास किया जा रहे हैं। दोपहर बाद टूटे हिस्से को ठीक कर दिया गया है।
प्रभावित किसानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है। डिस्ट्रीब्यूटरी की पटरी पहले से कमजोर थी। ऐसे में जैसे ही 40 क्यूसिक पानी आया तो यह पानी का दबाव झेल नहीं पाई और खजूरी जाटी की तरफ करीब 30 फीट के हिस्से में ढह गई। इससे खेतों की तरफ पानी का तेज बहाव हुआ और कुछ ही घटों के अंदर 150 एकड़ से अधिक भूमि जलमग्न हो गई।
किसानों ने बताया कि यह डिस्ट्रीब्यूटरी कुछ दिन से बंद थी। इसमें 11 नवंबर की शाम को ही पानी आया था और 18 नवंबर की रात्रि को यह टूट गई। सुबह जब किसान खेतों की तरफ ग, तब सब कुछ जलमग्न था। उसके बाद तो भारी संख्या में किसान गाव से खेतों की तरफ दौड़ पड़े। डिस्ट्रीब्यूटरी के टूटे हिस्से के पास पहुंचे। प्रशासन व सिंचाई विभाग को सूचना दी गई लेकिन पानी का बहाव तेज होने के कारण डिस्ट्रीब्यूटरी के टूटे हिस्से को ठीक करने का कार्य जल्द नहीं हो पाया।
किसान हनुमान सिंह, सुखदेव सिंह, हरपाल सिंह, नरेश कुमार, सुधीर कुमार, कृष्ण कुमार, संजय कुमार, दारा सिंह, रोहताश, जयकरण, होशियार, प्रदीप समेत बड़ी संख्या में सभी प्रभावित किसानों ने इसके लिए सिंचाई विभाग और सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि डिस्ट्रीब्यूटरी की पटरी पहले से कमजोर थी। जो एक सप्ताह पहले भी इसी जगह से टूट चुकी है, मगर विभाग ने इसको अच्छे ढंग से दुरुस्त नहीं किया गया।
इस बारे सिंचाई विभाग के एसडीओ राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूटरी की टूटने की सूचना मिलती ही रविवार की सुबह सिंचाई विभाग की पूरी टीम मौके पर पहुंच गई। डिस्ट्रीब्यूटरी की पटरी को ठीक करने के लिए मजदूर व जेबीसी की मदद से दुरुस्त करने के प्रयास किया जा रहे हैं। दोपहर बाद टूटे हिस्से को ठीक कर दिया गया है।