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फतेहाबाद में किसानों ने विधायक को दिखाए काले झंडे

 मुख्यमंत्री की रैली का न्यौता देने आए विधायक का हुआ विरोध
 
  फतेहाबाद में किसानों ने विधायक को दिखाए काले झंडे
फतेहाबाद, 31 मार्च  जिले के रतिया उपमंडल के गांव चनकोठी में रविवार दोपहर को पहुंचे विधायक लक्ष्मण नापा को किसान संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा। किसानों ने गांव में एकजुट होकर विधायक के गांव में आगमन पर विरोध जताते हुए उन्हें काले झंडे दिखाए तथा भाजपा सरकार और विधायक के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
किसानों द्वारा विरोध करने की सूचना मिलने के चलते प्रशासन द्वारा सदर थाना प्रभारी ओमप्रकाश बिश्नोई के नेतृत्व में विधायक के आने से पूर्व ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया था। जिस तरह से किसानों ने भाजपा के चुनावी कार्यक्रमों का विरोध करना शुरू कर दिया है उसके चलते सिरसा लोकसभा से भाजपा के उम्मीदवार के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है क्योंकि किसान संगठनों ने दो दिन पूर्व भी बैठक कर रतिया में 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री आगमन का विरोध करने का भी निर्णय लिया है।
सिरसा लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर के समर्थन में वोट मांगने तथा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की 5 अप्रैल की रतिया में होने वाली रैली के न्यौते को लेकर विधायक लक्ष्मण नापा रविवार को गांव चनकोठी में पहुंचे। विधायक के आने की सूचना मिलते ही भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के ब्लॉक अध्यक्ष गुरलाल सिंह की अध्यक्षता में किसान इकट्ठा होने शुरू हो गए।
विधायक लक्ष्मण नापा के गांव में पहुंचते ही किसानों ने काले झंडे दिखाते हुए उनका विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि मौके पर तैनात पुलिस कर्मचारियों ने किसानों को विधायक के कार्यक्रम में जाने से रोक दिया। पुलिस द्वारा रोकने से किसानों में रोष बढ़ गया और उन्होंने विधायक लक्ष्मण नापा और भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के ब्लॉक अध्यक्ष गुरलाल सिंह ने कहा कि भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार ने किसानों के साथ वायदा खिलाफी की है।
हरियाणा सरकार ने बाढ़ से खराब हुई फसलों, क्षतिग्रस्त हुए घरों की मुरम्मत और बाढ़ के कारण खराब हुए ट्यूबवेल की मुरम्मत करने के लिए मुआवजा देने का वादा किया था। अभी तक मात्र 12 प्रतिशत किसानों को मुआवजा दिया गया तथा बाकी 88 प्रतिशत किसान पिछले 6 महीने से मुआवजे की इंतजार कर रहे हैं। 20 फरवरी को दिल्ली जा रहे किसानों पर बहुत ही बर्बरता पूर्व गोलियां चलाई गई। ऐसे में किसानों ने फैसला लिया है कि वे भाजपा के नेताओं को गांव में नहीं घुसने देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को चुनाव के वक्त ही ग्रामीणों की याद आ रही है लेकिन पिछले 5 सालों में उन्होंने किसानों और ग्रामीणों के खिलाफ तानाशाही नीति अपनाई। विधायक द्वारा जल्दी कार्यक्रम को निपटाकर गांव से चले जाने के बाद किसान शांत हुए। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान गुरलाल सिंह, मुंदरी सिंह, कुलदीप सिंह, माशा सिंह, काला सिंह, सतनाम सिंह, मखन सिंह,अवीजोत सिंह अन्य किसान मौजूद थे।