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स्कूलों में अभिभावकों का आर्थिक शोषण हो बंद: अभिभावक मंच

 
स्कूलों में अभिभावकों का आर्थिक शोषण हो बंद: अभिभावक मंच
यमुनानगर,10 मार्च। अभिभावक सेवा मंच के आह्वान पर बड़ी संख्या में अभिभावकों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को लघु सचिवालय में उप मंडल अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

अभिभावक सेवा मंच के सचिव विपिन गुप्ता ने कहा कि नये नियमानुसार के. जी. कक्षा में पढने वाले वो बच्चे जो आगामी नये सेशन में छ : साल से कम उम्र के हैं उन्हें पहली कक्षा में नहीं प्रवेश नहीं दिया जाएगा। निजी स्कूल और प्रशासन जिद पर अडे है कि सभी माता-पिता सरकार के इस आदेश पर अपनी सहमति दे कि वे इस आदेश को हर हाल में मानेंगे। इस पर अभिभावकों ने कहा है कि जब सरकार के आदेश आते हैं कि सभी स्कूलों में केवल एन.सी.ई.आर.टी की ही किताबें लगेंगी। तब सरकार के आदेश न मानते हुए निजी प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है क्योंकि उसमें आपको कमीशन मिलता है। कई स्कूलो में ही बेची जा रही निजी प्रकाशकों की किताबें, वर्दी भी एक ही दुकान से खरीदनी पड़ती है ।

उन्होंने कहा कि अब बच्चों को दोबारा के.जी. की कक्षा करानी पड़ेगी। जिसमें स्कूल वाले अपना फायदा देख जबरन एक साल की स्कूल फीस, वार्षिक शुल्क , बस फीस, किताबें और कापियां आदि लगवा कर दोनों तरफ से अभिभावकों का आर्थिक शोषण करने पर तुले हुए हैं, यह घोर अन्याय है। मौके पर व्यापार मंडल के अध्यक्ष महेन्द्र मित्तल, संजय मित्तल, किसान संघ के साहिब सिंह ने समर्थन देते हुए अभिभावकों के हक में उपरोक्त नियमों को आगामी दो तीन साल के लिए टालने की मांग की है ताकि लोगों का पैसा और बच्चों का साल खराब न हो। सरकार को चेतावनी देते हुए अभिभावक सेवा मंच के सदस्यों ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को जल्द नही माना तो अभिभावकों को मजबूरन कोर्ट में जाना पड़ेगा।