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बीजेपी सरकार में शहरी क्षेत्रों में लगा अनदेखी का ग्रहण

 

- शहरों में शुद्ध पेयजल, सीवरेज व्यवस्था, सफाई, पार्कों की स्थिति गंभीर

 
 बीजेपी सरकार में शहरी क्षेत्रों में लगा अनदेखी का ग्रहण
 चंडीगढ, 28 नवंबर। 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी है तब से ही शहरी क्षेत्र की व्यवस्थाओं पर अनदेखी का ग्रहण लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में लोगों को शुद्ध पेयजल भी मुहैया नहीं हो रहा। उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में सीवरेज व्यवस्था पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं पर किसी भी शहर को देख लो सीवर व्यवस्था का बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता स्वच्छता का नारा देकर सफाई को लेकर बड़ी बड़ी बातें करते है पर शहरों में सफाई व्यवस्था का पुरी तरह से जनाजा निकला हुआ है। सफाई कर्मचारियों की हर शहर में कमी है। कूड़े के ढेर बदबू मारते हैं, मक्खियां व मच्छरों की भरमार होने के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि शहरी क्षेत्रों की व्यवस्थाएं राम भरोसे चल रही हैं। एक तरफ तो बीजेपी वातावरण की शुद्धता को लेकर बातें कर रही है दूसरी तरफ वातावरण को दूषित करने में बीजेपी सरकार की अनदेखी बड़ी भूमिका निभा रही है। किसानों पर पराली जलाने पर केस दर्ज किए जाते हैं तो शहरों में प्रदूषण फैलाने में सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। क्योंकि गांवों से ज्यादा शहरों में प्रदूषण अधिक है। कुमारी सैलजा ने कहा कि इसी तरह शहरों के पार्कों की स्थिति बनी हुई है। पिछली सरकारों ने जो पार्क बनाए थे उनके रख रखाव भी यह सरकार नहीं कर पा रही है। सभी पार्कों की स्थिति दयनीय पड़ी हुई है। जिन पार्कों में आसपास के लोग देखभाल करते हैं उनमें स्थिति कुछ ठीक है पर जिन पार्कों की सरकारी तंत्र देखभाल करता है उनमें स्थिति गंभीर बनी हुई है। हुडा विभाग व स्थानीय निकाय विभाग एक दूसरे पर जिम्मेवारी होने का आरोप लगा कर पल्ला झाड़ रहे हैं। 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि बीजेपी सरकार में नए पार्क तो बने नहीं है और जो पहले से बने हुए थे उनकी देखभाल भी नहीं हो रही, जिस कारण पार्कों में सैर करने वाले लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में शहरों में ग्रीन बेल्टें भी विकसित की गई थी पर बीजेपी की सरकार में ग्रीन बेल्टें दम तोड़ती नजर आ रही है। अब तो नाम ही ग्रीन बेल्ट रह गया है जबकि यहां पर किसी प्रकार की ग्रीनरी नजर नहीं आती। लोग ग्रीन बेल्टों पर कब्जे कर रहे हैं। ग्रीन बेल्टों की सेफटी के लिए लगाई गई लोहे की ग्रिलें भी गायब होती जा रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को शहरी व्यवस्थाओं पर ध्यान देना चाहिए ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और सरकार के खर्च हो रहे करोड़ों रुपयों का सदुपयोग हो सके।