डाक्टराें ने धरना देकर किया हड़ताल का ऐलान
मांगे नहीं मानी तो 25 जुलाई से बंद होंगी इमरजेंसी सेवाएं
Jul 8, 2024, 19:49 IST

चंडीगढ़, 8 जुलाई हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेशभर से आए चिकित्सकों ने सोमवार को स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय के बाहर मांगों को लेकर धरना दिया। इस दौरान डीजी हेल्थ से बातचीत हुई और लंबे समय से उनकी मांगों को लेकर केवल आश्वासन दिए जाने पर कहा कि आने वाले समय में वह अनिश्चितकालीन आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। प्रदर्शन के लिए सभी जिलों से जिला संगठन के पदाधिकारी पहुंचे हुए थे। इस दौरान डॉक्टरों संगठन और कोर कमेटी ने आगे की रणनीति को लेकर बैठक भी की। हरियाणा एचसीएमएस अध्यक्ष डाक्टर राजेश ख्यालिया और महासचिव अनिल यादव ने बताया कि डॉक्टरों की मांगे पूरी नहीं होने के कारण उन्हें अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे पहले भी विभाग के डीजी हेल्थ, एसीएस सभी से मिलकर अवगत कराया जा चुका है।
डाक्टरों के अनुसार अभी भी सुनवाई नहीं हुई, तो 15 जुलाई को डॉक्टरों ने प्रदेश के अंदर दो घंटे के लिए कलम छोड़ हड़ताल का फैसला लिया है। 25 जुलाई से अनिश्चितकाल के लिए इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि इसके कारण जो समस्या आएगी, उसके जिम्मेदार अफसर और सरकार होगी। एसोसिएशन प्रधान डॉक्टर राजेश ख्यालिया, महासचिव अनिल यादव, उप प्रधान डॉक्टर वीरेंद्र ढांडा के अनुसार प्रदेश के सभी चिकित्सकों को 15 जुलाई की हड़ताल में शामिल होने के लिए लामबंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो साल पहले पूर्व सीएम मनोहरलाल ने विधानसभा में कहा था कि हम विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए अलग से कैडर बनाने का काम करेंगे। बताते हैं कि इस पर अप्रूवल के बाद भी टेबल से टेबल पर घुमाया जा रहा है
डाक्टरों के अनुसार अभी भी सुनवाई नहीं हुई, तो 15 जुलाई को डॉक्टरों ने प्रदेश के अंदर दो घंटे के लिए कलम छोड़ हड़ताल का फैसला लिया है। 25 जुलाई से अनिश्चितकाल के लिए इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि इसके कारण जो समस्या आएगी, उसके जिम्मेदार अफसर और सरकार होगी। एसोसिएशन प्रधान डॉक्टर राजेश ख्यालिया, महासचिव अनिल यादव, उप प्रधान डॉक्टर वीरेंद्र ढांडा के अनुसार प्रदेश के सभी चिकित्सकों को 15 जुलाई की हड़ताल में शामिल होने के लिए लामबंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो साल पहले पूर्व सीएम मनोहरलाल ने विधानसभा में कहा था कि हम विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए अलग से कैडर बनाने का काम करेंगे। बताते हैं कि इस पर अप्रूवल के बाद भी टेबल से टेबल पर घुमाया जा रहा है