चौ.देवीलाल के असली उत्तराधिकारी चौ.ओमप्रकाश चौटाला, बाकी के दावे झूठे: सुनैना चौटाला
कहा-चौटाला परिवार में पारिवारिक नहीं के वल वैचारिक मतभेद है, अभय सिंह चौटाला बात के धनी
Mar 28, 2024, 14:17 IST
लोगों की राय में दुष्यंत चौटाला से बड़ा कोई झूठा नहीं, सरकार ने पेंशन नहीं बढ़ाई तो छोड़ देते राज
सिरसा, 28 मार्च। वरिष्ठ इनेलो नेत्री सुनैना चौटाला ने कहा कि चौ.देवीलाल ने चौ. ओमप्रकाश चौटाला को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था और आज भी वे ही उनके असली उत्तराधिकारी है अगर कोई स्वयं को उत्तराधिकारी कहता है तो वह सरासर झूठ बोल रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि चौटाला परिवार में कोई पारिवारिक मतभेद नहीं है जो भी है वह वैचारिक मतभेद है। लोग आज भी एक बात साफ कहते है कि हरियाणा की राजनीति में अभय सिंह चौटाला ही अपनी बात के धनी है जो कहा वह करके दिखाया। उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला का यह कहना कि सरकार ने उनके कहने पर 5100 रुपये पेेंशन लागू नहीं की जब दवाब बनाया तो गठबंधन टूटा, अगर सरकार ने पेेंशन लागू नहीं की तो उन्हें उसी दिन भाजपा का साथ छोड़ देना चाहिए था, अब जनता उनके झांसों में आने वाली नहीं हैं।
वरिष्ठ इनेलो नेत्री सुनैना चौटाला ने दैनिक हिंदी समाचार पत्र पल पल के प्रधान संपादक सुरेंद्र भाटिया के साथ प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर बातचीत कर रही थी। सुरेंद्र भाटिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान और विधायक अभय सिंह चौटाला का हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे का आदेश मिला है यह उनके लिए सौभाग्य की बात है। भाजपा प्रत्याशी और ससुर रणजीत सिंह के सामने चुनाव लडऩे में कोई अडचन तो नहीं है के सवाल पर उन्होंने कहा कि चौटाला परिवार में पारिवारिक नहीं के वल वैचारिक मतभेद है, वे चौ.देवीलाल की विचारधारा का अनुसरण करती है तो रणजीत सिंह भाजपा की। उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल हो कही न कही वे सब चौ.देवीलाल की नीतियों पर चल रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चौ.देवीलाल ने चौ. ओमप्रकाश चौटाला को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था और आज भी वे ही उनके असली उत्तराधिकारी है अगर कोई स्वयं को उत्तराधिकारी कहता है तो वह सरासर झूठ बोल रहा है।
उन्होंने कहा कि विधायक अभय सिंह चौटाला अपनी बात के धनी हैं, उन्होंने किसान आंदोलन में किसानों और कमेरे वर्ग के हकों की खातिर विधायक पद छोड़ दिया था और ऐसा करने वाले वे एक मात्र विधायक थे, उन्होंने इस्तीफा देकर साबित कर दिया था वे चौ.देवीलाल की नीतियों पर चल रहे है और उनका ईमानदारी से पालन भी कर रहे हंै। उन्होंने कहा कि आज भी चौ.देवीलाल के बराबर राजनीति में किसी का कद नहीं हैैं। इनेलो और जेजेपी दोनों ने अलग अलग चुनाव लड़ा एक को 10 सीटें मिली तो दूसरे को एक, ऐसा कैसे हुआ के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत चौ. अभय सिंह को बदनाम करने का प्रयास किया गया, उनकी छवि को तोडमरोड कर पेश किया गया। लोगों ने भाजपा का विरोध करते हुए जेजेपी को वोट दिया था और बाद में वह भाजपा के साथ चली गई जिससे लोगों कोक जेजेपी के मोहभंग हो चुका है इस बार चुनाव में देखना जनता जेजेपी का क्या हाल करती हैं।
उन्होंने कहा कि जब चौ.अभय सिंह चौटाला परिवर्तन यात्रा पर निकले थे तो विपक्ष तरह तरह की बात कर रहा था, यात्रा में वे भी शामिल थी, यात्रा के दौरान हर जिला में लोगों का भारी समर्थन और प्रेम प्यार मिला, आज जनता इनेलो के साथ खड़ी है क्योंकि जनता को सच का पता लग चुका है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि कुरूक्षेत्र, सिरसा और हिसार में इनेलो की जीत तय है और भारी मतों के अंतर से जीत होगी बाकि की सात सीटों पर पहले और दूसरे नंबर पर आने की जंग होगी। उन्होंने कहा कि जब पार्टी ने हिसार के उनके नाम की घोषण की तो आनन फानन में रणजीत सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और चंद ही मिनटों में भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार भी घोषित कर दिया। जब उनसे कहा गया कि दुष्यंत चौटाला जनता के बीच एक ही बात कहते है कि वे पेंंशन 5100 रुपये प्रति माह करना चाहते थे पर सरकार नहीं मान रही थी इसी के चलते गबंधन टूटा के जवाब में सुनैना चौटाला ने कहा कि दुष्यंत चौटाला ऐसा कहकर सरासर झूठ बोल रहे है और जनता को गुमराह कर रहे है, दुष्यंत चौटाला के पास करीब 10 मंत्रालय थे, सरकार अगर उनकी बात नहीं मान रही थी तो उन्हें पद छोड़ देने चाहिए थे, पूरा सत्ता सुख भोगने के बाद अब जनता को गुमराह कर रहे है पर अब जनता उनके बहकावे में आने वाली नहीं हैं।
वरिष्ठ इनेलो नेत्री सुनैना चौटाला ने दैनिक हिंदी समाचार पत्र पल पल के प्रधान संपादक सुरेंद्र भाटिया के साथ प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर बातचीत कर रही थी। सुरेंद्र भाटिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान और विधायक अभय सिंह चौटाला का हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे का आदेश मिला है यह उनके लिए सौभाग्य की बात है। भाजपा प्रत्याशी और ससुर रणजीत सिंह के सामने चुनाव लडऩे में कोई अडचन तो नहीं है के सवाल पर उन्होंने कहा कि चौटाला परिवार में पारिवारिक नहीं के वल वैचारिक मतभेद है, वे चौ.देवीलाल की विचारधारा का अनुसरण करती है तो रणजीत सिंह भाजपा की। उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल हो कही न कही वे सब चौ.देवीलाल की नीतियों पर चल रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चौ.देवीलाल ने चौ. ओमप्रकाश चौटाला को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था और आज भी वे ही उनके असली उत्तराधिकारी है अगर कोई स्वयं को उत्तराधिकारी कहता है तो वह सरासर झूठ बोल रहा है।
उन्होंने कहा कि विधायक अभय सिंह चौटाला अपनी बात के धनी हैं, उन्होंने किसान आंदोलन में किसानों और कमेरे वर्ग के हकों की खातिर विधायक पद छोड़ दिया था और ऐसा करने वाले वे एक मात्र विधायक थे, उन्होंने इस्तीफा देकर साबित कर दिया था वे चौ.देवीलाल की नीतियों पर चल रहे है और उनका ईमानदारी से पालन भी कर रहे हंै। उन्होंने कहा कि आज भी चौ.देवीलाल के बराबर राजनीति में किसी का कद नहीं हैैं। इनेलो और जेजेपी दोनों ने अलग अलग चुनाव लड़ा एक को 10 सीटें मिली तो दूसरे को एक, ऐसा कैसे हुआ के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत चौ. अभय सिंह को बदनाम करने का प्रयास किया गया, उनकी छवि को तोडमरोड कर पेश किया गया। लोगों ने भाजपा का विरोध करते हुए जेजेपी को वोट दिया था और बाद में वह भाजपा के साथ चली गई जिससे लोगों कोक जेजेपी के मोहभंग हो चुका है इस बार चुनाव में देखना जनता जेजेपी का क्या हाल करती हैं।
उन्होंने कहा कि जब चौ.अभय सिंह चौटाला परिवर्तन यात्रा पर निकले थे तो विपक्ष तरह तरह की बात कर रहा था, यात्रा में वे भी शामिल थी, यात्रा के दौरान हर जिला में लोगों का भारी समर्थन और प्रेम प्यार मिला, आज जनता इनेलो के साथ खड़ी है क्योंकि जनता को सच का पता लग चुका है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि कुरूक्षेत्र, सिरसा और हिसार में इनेलो की जीत तय है और भारी मतों के अंतर से जीत होगी बाकि की सात सीटों पर पहले और दूसरे नंबर पर आने की जंग होगी। उन्होंने कहा कि जब पार्टी ने हिसार के उनके नाम की घोषण की तो आनन फानन में रणजीत सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और चंद ही मिनटों में भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार भी घोषित कर दिया। जब उनसे कहा गया कि दुष्यंत चौटाला जनता के बीच एक ही बात कहते है कि वे पेंंशन 5100 रुपये प्रति माह करना चाहते थे पर सरकार नहीं मान रही थी इसी के चलते गबंधन टूटा के जवाब में सुनैना चौटाला ने कहा कि दुष्यंत चौटाला ऐसा कहकर सरासर झूठ बोल रहे है और जनता को गुमराह कर रहे है, दुष्यंत चौटाला के पास करीब 10 मंत्रालय थे, सरकार अगर उनकी बात नहीं मान रही थी तो उन्हें पद छोड़ देने चाहिए थे, पूरा सत्ता सुख भोगने के बाद अब जनता को गुमराह कर रहे है पर अब जनता उनके बहकावे में आने वाली नहीं हैं।