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सोने से बनी जयंती देवी की प्रतिमा को खजाने से बाहर लाने की उठी मांग

 
 सोने से बनी जयंती देवी की प्रतिमा को खजाने से बाहर लाने की उठी मांग
 जींद, 7 अप्रैल । पांच दशक पहले जींद में सोने से बनी मां जयंती देवी की जिस प्रतिमा का दीदार करने के लिए पूरा शहर घरों और दुकानों से बाहर आ जाता था, ऐसा ही धर्म के प्रवाह से भरा हुआ नजारा नौ अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रों में देखने को मिलना चाहिए। इसके लिए महाभारत कालीन मंदिर से बड़ी मांग उठी है। श्री जयंती देवी मंदिर सिद्धपीठ के पुजारी नवीन कुमार शास्त्री और श्रद्धालुओं ने रविवार को यह आवाज बुलंद की है।
मंदिर पुजारी नवीन कुमार शास्त्री, श्रद्धालु ओमप्रकाश शर्मा, रोहित गोयल, कपिल गर्ग, इंद्रजीत कालरा, अजमेर गौतम, सुमित शर्मा, रजनीश आहुजा आदि मां के भक्तों ने कहा कि 1970 से पहले नवरात्रों के दिनों में सोने से बनी मां जयंती देवी की प्रतिमा के साथ पूरे जींद शहर में शोभा यात्रा निकाली जाती थी। जींद की ईष्ट देवी का दीदार कर अपनी अर्जी लगाने के लिए लोग घरों और दुकानों से निकल कर सड़कों के दोनों ओर खड़े हो जाते थे। उस समय मां के दीदार के दौरान बड़े उत्सव की महक दूर-दूर तक जाती थी। किंतु सरकार ने सोने से बनी मां जयंती देवी की प्रतिमा को सुरक्षा का हवाला देकर उसे सरकारी खजाने में रख दिया।
पुजारी नवीन कुमार शास्त्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की ओर से मंदिर प्रांगण में नौ से 17 अप्रैल के बीच प्रतिदिन हवन, भजन संध्या, भव्य आरती और भंडारे का आयोजन होगा। नवरात्रों की 14 की रात को भव्य जागरण का आयोजन किया जाएगा। इसी रात और सुबह मंदिर में सप्तमी का मेला लगता है। जागरण और मेले की व्यवस्था के लिए श्रद्धालु स्वयं सेवक के तौर पर अपना कर्तव्य निभाते है।
अवैध पर्ची काटने वालों की एसपी कार्यालय में दी शिकायत
जयंती देवी मंदिर के प्रांगण में एक दिन और एक ही समय दो-दो जागरणों को लेकर उठे सवाल के जवाब में पुजारी नवीन कुमार शास्त्री, श्रद्धालु ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि मंदिर श्रद्धालुओं द्वारा प्रशासन की अनुमति से जागरण किया जा रहा है। रही बात यदि मंदिर में कोई ओर जागरण कर रहा है तो वह पूरी तरह से अवैध है और जिसकी शिकायत एसपी कार्यालय में दी गई है। जो लोग जयंती मंदिर के नाम पर पर्ची काट रहे हैं, वह पूरी तहर से गलत है। इसकी शिकायत प्रशासन को कर दी गई है। प्रशासन को ही अवैध तौर पर पर्ची काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है।