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दीपेंद्र हुड्डा की तैयारी ने भाजपा की बेचैनी बढ़ाई

 
 दीपेंद्र हुड्डा की तैयारी ने भाजपा की बेचैनी बढ़ाई
 रोहतक, 21 मार्च  प्रदेश की सबसे हॉट सीट रोहतक पर हुड्डा कांग्रेस का दबदबा रहा है। दो बार हुड्डा के पिता स्वतंत्रता सेनानी स्व. रणबीर सिंह हुड्डा, चार बार खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा व तीन बार उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से सांसद बन चुके हैं। भाजपा के अरविंद शर्मा ने हुड्डा कांग्रेस के विजयी रथ को रोका था। दस साल पहले मोदी लहर में भी कांग्रेस का जो किला अजेय रहा, उसे पांच साल पहले जीतने वाले भाजपा के लोकसभा सांसद डॉक्टर अरविंद शर्मा फिर मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। पांच साल उनके विकास की ट्रेन रेलवे की योजनाओं पर चढक़र छुक-छुक कर दौड़ी। पार्टी की ओर से टिकट की घोषणा में हो रही देरी व कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा की तैयारी बेचैनी बढ़ा रही है। विकास कार्यों की सियासी ट्रेन और साइलेंट वोटर फिर चुनावी नैया पार लगाएं। प्रदेश की सबसे हॉट सीट रोहतक पर हुड्डा कांग्रेस का दबदबा रहा है। दो बार हुड्डा के पिता स्वतंत्रता सेनानी स्व. रणबीर सिंह हुड्डा, चार बार खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा व तीन बार उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से सांसद बन चुके हैं। 20 साल बाद 1999 के बाद 2019 में भाजपा के अरविंद शर्मा ने हुड्डा कांग्रेस के विजयी रथ को रोका और भाजपा को रोहतक सीट से इतिहास की पहली जीत दिलवाई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा को आज भी रोहतक सीट गंवाने का पछतावा है। रोहतक में मेट्रो भले ही अरविंद शर्मा नहीं ला पाए, लेकिन संसद में इनकी भूमिका ठीक रही। सबसे ज्यादा सवाल पूछे जाने वाले सांसदों में उनकी गिनती होती है। इसके अलावा सांसद निधि खर्च करने और गोद लिए गांवों में विकास कराने में भी आगे रहे। सांसद अरविंद शर्मा ने लोकसभा क्षेत्र के पांच गांव गोद लिए हैं। दावा है कि ग्राम आदर्श योजना के तहत शत- प्रतिशत पेयजल उपलब्ध कराया, किसानों को सम्मान निधि प्रदान कराई गई। जगमग योजना के तहत 24 घंटे गांवों में बिजली उपलब्ध करवाई। बाढग़्रस्त गांवों में बाढ़ नियंत्रण योजना के तहत योजना तैयार की। रोहतक जिले के गांव नयाबांस में 2.59 करोड़ , सांगाहेड़ा में 3 करोड़, झज्जर जिले के गांव मुंडाहेड़ा में 51 कार्यों, सिवाना में 50 कार्यों व कोसली हलके के गांव जाओदा में 14 कामों के विकास का प्लान तैयार कराया। ग्रामीणों के बीच कम मौजूदगी का सवाल उनका पीछा कर रहा है। नयाबांस गांव की महिला सरपंच के पति प्रवीण कहते हैं कि दिखे ही बहुत कम।