पीपी एक्ट के तहत खरखौदा नगरपालिका के हक में फैसला
बरोणा मार्ग पर करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन का मामला
Jan 30, 2024, 19:02 IST
![पीपी एक्ट के तहत खरखौदा नगरपालिका के हक में फैसला](https://palpalindia.in/static/c1e/client/101583/uploaded/bd4e377ee8fee68b7df99866e53eb00d.jpg)
सोनीपत, 30 जनवरी खरखौदा में बरोणा मार्ग पर करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में पीपी एक्ट के तहत केस में फैसला आ गया है। फैसले में अवैध कब्जा धारक को बेदखल करने का फैसला लिया है। नगर पालिका के हक में फैसला दिया गया है।
नगरपालिका प्रशासनिक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि नगरपालिका इस मामले में आगामी कानूनी कार्रवाई कर सकती है। पीपी एक्ट के फैसले के बाद एक महीने का समय अपील के लिए दिया गया है। फैसले से नगरपालिका को अवगत करवाया गया है कि अपील की अवधि बीत जाने के बाद पुलिस सहायता जरूरी समझे तो खरखौदा थाना से पुलिस सहायता लेकर विवादित जमीन पर अपना कब्जा लिया जाए।
फैसलें में यह भी कहा गया है कि जिला उपायुक्त सोनीपत द्वारा उक्त जमीन का पट्टानामा वर्ष 2007 में रद्द हो चुका है, लेकिन संबंधित जमीन पर अवैध कब्जा है। उस समिति पर 10 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष के हिसाब से जुर्माना भी लगाया गया है। एक महीने के अंदर अंदर जुर्माना राशि सरकारी खजाने में जमा करने के आदेश दिए गए हैं। दी रोहतक लेदर एंड टैनरी विलेज डेवलेपमेंट इंडस्ट्रियल को-ओपरेटिव सोसाईटी खरखौदा केवल कागजों में ही चलती रही हैं। इस सोसाईटी को बेदखल करने के आदेश उपमंडल न्यायधीश डा. अनमोल ने दिए हैं। समय पर जुर्माना राशि अदा नहीं किया तो राजस्व नियमों के तहत आगामी कार्रवाई की जाएगी।
नगरपालिका इस मामले में हाई कोर्ट पहुंच गई थी। 22 अक्टूबर 2023 को उच्च न्यायालय ने डायरेकशन जारी करते हुए कहा कि उक्त मामले का निपटान 6 महीने के अंदर अंदर किया जाए। इसी चरण में कार्रवाई करते हुए अब पीपीएक्ट के तहत आदेश जारी हुए हैं।
नगरपालिका प्रशासनिक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि नगरपालिका इस मामले में आगामी कानूनी कार्रवाई कर सकती है। पीपी एक्ट के फैसले के बाद एक महीने का समय अपील के लिए दिया गया है। फैसले से नगरपालिका को अवगत करवाया गया है कि अपील की अवधि बीत जाने के बाद पुलिस सहायता जरूरी समझे तो खरखौदा थाना से पुलिस सहायता लेकर विवादित जमीन पर अपना कब्जा लिया जाए।
फैसलें में यह भी कहा गया है कि जिला उपायुक्त सोनीपत द्वारा उक्त जमीन का पट्टानामा वर्ष 2007 में रद्द हो चुका है, लेकिन संबंधित जमीन पर अवैध कब्जा है। उस समिति पर 10 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष के हिसाब से जुर्माना भी लगाया गया है। एक महीने के अंदर अंदर जुर्माना राशि सरकारी खजाने में जमा करने के आदेश दिए गए हैं। दी रोहतक लेदर एंड टैनरी विलेज डेवलेपमेंट इंडस्ट्रियल को-ओपरेटिव सोसाईटी खरखौदा केवल कागजों में ही चलती रही हैं। इस सोसाईटी को बेदखल करने के आदेश उपमंडल न्यायधीश डा. अनमोल ने दिए हैं। समय पर जुर्माना राशि अदा नहीं किया तो राजस्व नियमों के तहत आगामी कार्रवाई की जाएगी।
नगरपालिका इस मामले में हाई कोर्ट पहुंच गई थी। 22 अक्टूबर 2023 को उच्च न्यायालय ने डायरेकशन जारी करते हुए कहा कि उक्त मामले का निपटान 6 महीने के अंदर अंदर किया जाए। इसी चरण में कार्रवाई करते हुए अब पीपीएक्ट के तहत आदेश जारी हुए हैं।