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कांग्रेस की सरकार बनते ही 30 लाख युवाओं को तुरंत नौकरी देंगे:कुमारी सैलजा


कहा-एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का कानून बनाया जाएगा, कर्जा की आम मॉफी दी जाएगी 
 
  कांग्रेस की सरकार बनते ही 30 लाख युवाओं को  तुरंत नौकरी देंगे:कुमारी सैलजा
 महिलाओं के साथ भेदभाव को रोकने के लिए  समान काम, समान वेतन का सिद्धांत किया जाएगा  लागू
चंडीगढ़, 24 मई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) की प्रत्याशी कुमारी सैलजा ने कहा कि  युवा न्याय के तहत केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनते ही 30 लाख युवाओं को सरकार बनते ही तुरंत नौकरी देंगे।  युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा भी कांग्रेस ने किया है। कानून बनाकर पेपर लीक से मुक्ति दी जाएगी। नए-नए आइडिया को प्रोत्साहन देने के लिए 5 हजार करोड़ का नया स्टार्टअप फंड बनाया जाएगा। सेना की अग्निवीर योजना बंद करके पुरानी भर्ती योजना चालू की जाएगी।
कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान न्याय के तहत स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करते हुए किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का कानून बनाया जाएगा। कर्जा की आम मॉफी दी जाएगी। भविष्य में कभी कर्जा मॉफी की जरूरत पड़े तो उसके लिए कृषि ऋण माफी आयोग का गठन कर हमेशा-हमेशा के लिए किसानों के कर्ज माफी का इंतजाम कांग्रेस करेगी। साथ ही भाजपा द्वारा कृषि यंत्रों व उपकरणों पर थोपे गए जीएसटी को हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रमिक न्याय के तहत देश के मेहनतकश का जीवन स्तर उभारने का वादा किया है। कांग्रेस पूर्ण रोजगार और उच्च उत्पादकता के अपने दोहरे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए श्रम और पूंजी निवेश के बीच संतुलन बहाल करने के लिए औद्योगिक और श्रम कानूनों में सुधार लाएगी। कांग्रेस कार्यस्थलों एवं आर्थिक अवसरों तक पहुंच में लैंगिक भेदभाव और लैंगिक असमानता के मुद्दों का समाधान करेगी। कांग्रेस सुनिश्चित करेगी कि महिलाओं के वेतन में भेदभाव को रोकने के लिए  समान काम, समान वेतन का सिद्धांत लागू किया जाए। मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन की जाएगी। कक्षाओं, पुस्तकालयों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों जैसी सार्वजनिक संपत्तियों के निर्माण के लिए मनरेगा निधि और श्रमिकों को भी तैनात किया जा सकेगा।
श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए  कानून बनाएगी कांगे्रस
कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस एक शहरी रोजगार कार्यक्रम शुरू करेगी, जो शहरी बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण और नवीकरण में काम की गारंटी देगा। कांग्रेस गिग और असंगठित श्रमिकों के अधिकारों को निर्दिष्ट और संरक्षित करने और उनकी सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक कानून बनाएगी। घरेलू नौकरों और प्रवासी श्रमिकों के रोजगार को विनियमित करने और उनके बुनियादी कानूनी अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कानूनों का प्रस्ताव करेगी। सभी राज्यों में राशन कार्ड धारकों की सूची तुरंत अपडेट की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रवासी श्रमिकों सहित सभी राशन कार्ड धारकों को नियमित रूप से राशन मिले। सैलजा ने कहा कि कांग्रेस मौजूदा जनसंख्या आंकड़ों (जनगणना लंबित) के आधार पर पीडीएस कवरेज का विस्तार करेगी। इसमें मिलने वाली सामग्रियों का विस्तार होगा, जिसमें दाल और तेल जोड़े जाएंगे। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट, 2013 के आधार पर पीडीएस, आईसीडीएस और मध्याह्न भोजन योजना को पूरा करने के लिए जरूरी धनराशि आवंटित की जाएगी। इंदिरा कैंटीन खोलने के लिए राज्य सरकारों के साथ सहयोग करेंगे, ताकि कर्नाटक व राजस्थान की तर्ज पर रियायती भोजन उपलब्ध कराया जा सके। कुमारी सैलजा ने कहा कि 2500 से अधिक आबादी वाले सभी गांवों में एक दूसरी आशा कार्यकर्ता नियुक्त की जाएगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या दोगुनी करके और अतिरिक्त 14 लाख नौकरियां पैदा की जाएंगी। किसी भी श्रमिक को कांग्रेस सत्ता में आने पर प्रतिदिन 400 रुपये न्यूनतम राष्ट्रीय वेतन की गारंटी प्रदान करेगी।
सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना कराई जाएगी:सैजला
 कुमारी सैलजा ने कहा कि हिस्सेदारी न्याय के तहत कांग्रेस बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के गरीब परिवारों को आर्थिक तौर पर मजबूत करेगी। साल 2011 के बाद देश में जनगणना नहीं हुई है। जो भी योजना बन रही हैं, वह 2011 की जनगणना के अनुसार ही बन रही हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्याय पत्र में साफ-साफ जिक्र किया है कि सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना कराई जाएगी। इसमें सामाजिक आर्थिक स्थितियों का आंकलन करते हुए जाति एवं उपजाति की गणना भी की जाएगी। कुमारी सैलजा ने कहा कि  अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के हितों से समझौता नहीं होने दिया जाएगा। आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के अनिवार्य 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। धन वितरण का सटीक आंकलन करने के लिए एक वित्तीय और संस्थागत सर्वे भी कराया जाएगा। बिना किसी भेदभाव के सभी जातियों और समुदायों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों, दोनों में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा।