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कांग्रेस ने पहली बार करनाल में खेला पंजाबी कार्ड

 
कांग्रेस ने पहली बार करनाल में खेला पंजाबी कार्ड
  करनाल, 26 अप्रैल  कांग्रेस ने पहली बार करनाल लोकसभा चुनाव में पंजाबी कार्ड खेला है। लंबे इंतजार के बाद राष्ट्रीय कांग्रेस ने हरियाणा में 8 लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। हरियाणा में हॉट सीट मानी जा रही करनाल में कांग्रेस ने हरियाणा यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धि राजा को भाजपा के प्रत्याशी और प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार दिया है। करनाल में पंजाबी प्रत्याशी को चुनाव में उतरकर कांग्रेस ने प्रदेश के बड़े पंजाबी वोटरों को भी अपने पक्ष में लुभाने का प्रयास भी किया है। कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धि राजा युवा चेहरा भी है ऐसे में भाजपा को करनाल में कड़ी टक्कर मिल सकती है। शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा पंजाबी और युवा प्रत्याशी करनाल में उतारने पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने लड्डू तक भी बांटे। दिव्यांशु बुद्धि राजा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस नेताओं को एक साथ एक मंच पर लाने की होगी। हालांकि दिव्यांशु युवा चेहरा है मगर उनका मुकाबला प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल से होगा जो उनके लिए एक बड़ा चैलेंज भी होगा। करनाल और पानीपत में पंजाबी समुदाय का बड़ा वोट बैंक है। लिहाजा  पंजाबी वोटर करनाल में निर्णायक भूमिका निभाएगा। बुद्धिराजा राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा व वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के नजदीकी हैं। कांग्रेस ने करनाल लोकसभा पर दिव्यांशु को उम्मीदवार उतार कर पंजाबी कार्ड खेल कर भी अपनी मजबूती दिखाने की कोशिश की है। मनोहर लाल अपनी सरकार के दौरान युवाओं को मेरिट आधार और बिना खर्ची-पर्ची के दी गई रोजगारों और भ्रष्टाचार पर लगाम को मुख्य मुद्दा बता रहे हैं। यहीं, कांग्रेस का मुद्दा भी यही है। लेकिन उनका कहना है कि प्रदेश में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार बढा है। दिव्यांशु बुद्धिराजा युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे एनएसयूआई के नेता भी रह चुके हैं और पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रधान रह चुके हैंऔर करनाल में रहते हैं। वह पिछले लंबे समय से युवाओं को लेकर लगातार सक्रिय थे। उन्होंने युवाओं को रोजगार उनके प्रदेश छोडक़र विदेश में जाने समेत प्रदेश में आयोजित प्रतियोगी परीक्षा को लेकर लगातार आवाज उठाई। उन्होंने पिछले दिनों इसको लेकर न्याय यात्रा भी निकाली थी। उस समय किसी को भी एहसास नहीं था कि दिव्यांशु बुद्धिराजा कांग्रेस के करनाल लोकसभा प्रत्याशी भी हो सकते हैं। युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन कुंडू ने बताया कि कांग्रेस ने युवाओं पर भरोसा किया है और वह लोकसभा चुनाव में कुछ अलग कर दिखाएंगे। करनाल और पानीपत में पंजाबी बडी संख्या में है और अगर दिव्यांशु उन्हें साथ लाने में कामयाब होते है तो भाजपा के समीकरण बिगड सकते है। विविद यह भी है कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने हरियाणा से पहली बार सबसे युवा नेता को टिकट दिया है । दिव्यांशु के लिए सबसे बडी चुनौती करनाल के सभी कांग्रेसियों को साथ लाना रहेगी। 
दिव्यांशु बुद्धिराजा के सामने सबसे बड़ी चुनौती भाजपा के मजबूत प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल होंगे। मनोहर लाल पानीपत समेत करनाल की सभी नौ विधानसभाओं में दो बार जनसभा कर चुके हैं। इसके अलावा पार्टी के कार्यकर्ता विधानसभा और बूथ स्तर पर लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। बुद्धिराजा को चुनाव प्रचार के लिए 30 दिन ही मिले हैं। उनको इन 30 दिनों में सभी 9 विधानसभाओं में पहुंचना होगा। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों में करनाल लोकसभा सीट से बीजेपी के संजय भाटिया ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी। विदित है कि लोकसभा के चुनाव 25 मई को हैं। भाजपा प्रदेश की सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। करनाल लोकसभा से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पिछले दिनों उम्मीदवार घोषित किया था। इससे पहले उनसे मुख्यमंत्री का इस्तीफा लिया था। इसके बाद हर किसी की नजर कांग्रेस के प्रत्याशी पर टिकी हुई थी। कांग्रेस के टिकट पर कभी वीरेंद्र राठौर तो कभी पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के सुपुत्र चाणक्य पंडित का नाम प्रमुखता से रखा जा रहा था। इन सब के बीच दो दिन पहले एनसीपी के नेता वीरेंद्र मराठा का नाम भी सामने आया था। पानीपत से बड़ा पंजाबी चेहरा वरिंदर शाह का नाम भी कई बार चर्चाओं में चला। गुरुवार को कांग्रेस की सूची में सभी अटकलें और प्रयास धरे रह गए। बहराल कांग्रेस प्रत्याशी की लड़ाई भाजपा के अनुभवी खिलाड़ी से है। मगर कांग्रेस ने करनाल में पहली बार पंजाबी प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारकर कम से कम यह तो मान ही लिया है कि हरियाणा में पंजाबी समुदाय की अनदेखी नहीं की जा सकती। अब देखना होगा कि कांग्रेस का यह युवा चेहरा एक अनुभवी चेहरे से मुकाबला कैसे करता है।