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ओपीएस, ई-टेंडरिंग, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था जैसे कई मुद्दों को लेकर विधानसभा तक कांग्रेस का मार्च

प्रदेश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, महंगाई और अत्याचार चरम पर: भूपेंद्र सिंह हुड्डा

हरियाणा की नौकरियों में हरियाणवियों की बजाए अन्य राज्यों के लोगों को मिल रही तरजीह

पंचायतों पर -टेंडरिंग थोप रही सरकार, बनाना चाहती है भ्रष्टाचार का नया अड्डा

 
ओपीएस, ई-टेंडरिंग, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था जैसे कई मुद्दों को लेकर विधानसभा तक कांग्रेस का मार्च

पल पल न्यूजचंडीगढ़, 21 फरवरी।  पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में आज कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा तक पैदल मार्च किया। हाथों में तख्तियां लेकर पार्टी विधायकों ने जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उठाया और बीजेपी-जेजेपी सरकार को आईना दिखाया। मार्च में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान विशेष तौर पर शामिल रहे। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश की जनता के सामने समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। प्रदेश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, महंगाई और अत्याचार चरम पर है। लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग उठाने वाले लोगों पर सरकार लाठियां बरसा रही है। इस सरकार ने पहले किसानों, फिर नौजवानों, उसके बाद पंचकूला में कर्मचारियों और जींद में पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों पर लाठीचार्ज करवाया। सरकार की ऐसी अलोकतांत्रिक कार्रवाइयों के विरुद्ध कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाने के लिए प्रतिबंध है।

हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। सरकारी विभागों में करीब 2 लाख पद खाली पड़े हुए हैं। तमाम गड़बड़ घोटाले और पेपर लीक के बीच जो इक्का-दुक्का भर्तियां होती हैं, उनमें भी हरियाणा की बजाय अन्य राज्य के लोगों का चयन हो रहा है। टेक्निकल लेक्चरर की ताजा भर्ती का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें सामान्य वर्ग के 157 में से करीब 100 पदों पर अन्य राज्य के उम्मीदवारों का चयन हुआ। जबकि तमाम राज्य सरकारें अपनी भर्तियों में मूल निवासियों को प्राथमिकता देती है। लेकिन हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार कभी रिहायशी सर्टिफिकेट के नियमों में बदलाव करके तो कभी भर्ती पेपर से हरियाणा का जीके गायब करके अन्य राज्य के लोगों को तरजीह दे रही है। ऐसे में हरियाणवी युवा जाएं तो कहां जाएं?

 हुड्डा ने कहा कि जिस तरह गठबंधन सरकार छेड़छाड़ के आरोप में मंत्री का बचाव कर रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हरियाणा की महिलाएं सरकार के इस रवैए को देख रही हैं। विपक्ष की मांग बेहद जायज है क्योंकि, मंत्री के पद पर रहते मामले में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसलिए नैतिकता के आधार पर उनका इस्तीफा लिया जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों पर -टेंडरिंग सिस्टम थोप रही है। क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार का एक नया अड्डा खोलना चाहती है। गठबंधन को अपना फैसला वापस लेते हुए पंचायतों को विकास का अधिकार देना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हरियाणा के तमाम वर्गों के साथ आज कर्मचारी भी सड़कों पर हैं। अगर कांग्रेस शासित राज्य अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दे सकती हैं तो हरियाणा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जाएगा। हुड्डा ने कहा कि सीएमआईई के बाद केंद्र सरकार के सामाजिक प्रगति सूचकांक ने भी बीजेपी-जेजेपी को आईना दिखाया है। यह रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का दिवालिया पिट चुका है। प्रदेश का हर नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस करता है। कांग्रेस विधायकों ने जनता से जुड़े दो दर्जन से ज्यादा मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा में प्रस्ताव दिए हैं। इन तमाम मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।