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चीनी उत्पाद गायब, बाजार में छाई भारतीय पिचकारियां और रंग

ऑर्गेनिक रंगों की बिक्री बढ़ी तीन गुना 
 
चीनी उत्पाद गायब, बाजार में छाई भारतीय पिचकारियां और रंग​​​​​​​ 
फतेहाबाद, 7 मार्च। होली-फाग त्यौहार की धूम देखनी है तो बाजार में आइए। त्योहार के दृष्टिगत शहर व गांवों के बाजार रंगों व पिचकारियों से अटे पड़े हैं और और लोग इनकी जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं। इस बार बाजार में चीन में बने रंग व पिचकारियां लगभग न के बराबर है।

हर तरफ भारतीय उत्पाद बेचा और खरीदा जा रहा है। पिछले सालों की तुलना में इस बार फूलों से तैयार ऑर्गेनिक रंगों की अच्छी खासी बिक्री हो रही है। थोक बाजार के एक प्रमुख विक्रेता राजेन्द्र आहूजा ने बताया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढऩे के कारण लोग केमिकल से बने रंगों की बजाय ऑर्गेनिक रंगों की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है। ये रंग बेशक महंगे हैं लेकिन इनके खरीददार ज्यादा है। पिछले वर्ष की तुलना में ऑर्गेनिक रंगों की बिक्री तीन गुना बढ़ी है।

रंगों के थोक विक्रेता राजू ने बताया कि चीनी रंग और पिचकारियां बाजार से इसलिए गायब हैं क्योंकि दिल्ली के अधिकांश थोक व्यापारियों ने चीन से माल नहीं मंगवाया। जिनके पास पिछले सालों के स्टॉक बचा हुआ था वही थोड़ा बहुत चीनी माल बिक रहा है। राजू ने बताया कि चीनी पिचकारियों की तुलना में भारत में बनी पिचकारियां मजबूत मानी जाती है। चीन विंरोधी माहौल के चलते ग्राहक भी अब भारतीय उत्पाद खरीदकर खुश नजर आता है।

खुदरा विक्रेता रमेश सैनी ने बताया कि बच्चों को आकर्षित करने के लिए इस बार रंगयुक्त पटाखों की भी जमकर बिक्री हो रही है। प्रदूषण रहित ये पटाखे बजाने से रंगों का गुब्बार निकलता है। एक अन्य विक्रेता प्रवीण ने बताया कि बाजार में 10 रुपये से लेकर 200 रुपये तक मूल्य की पिचकारियां उपलब्ध है। इस बार गुलाल वाली गन और सिलेंडर पिचकारी खूब बिक रही है। इसके अलावा बच्चों के लिए टैंक, छोटा भीम, बार्बी डॉल, स्पीडरमैन, मोनो फिश आदि नाम और मॉडल की पिचकारियां भी खूब बिक रही हैं।

होली के रंग में भंग न पड़े और इस त्योहार को सुरक्षित मनाने के लिए स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. रमा बंसल ने कहा कि केमिकल रंगों का प्रयोग बिल्कुल न करे। इससे त्वचा खराब हो सकती है। होली खेलने से पूर्व अपने खुले अंगों विशेषकर मुंह, गर्दन व हाथों पर फेस क्रीम या वेसलीन जरूर लगाएं। ये उपलब्ध न हो तो सरसों का तेल भी लगा सकते है। इससे रंगों का घातक प्रभाव त्वचा पर नहीं होगा। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद शर्मा के अनुसार अगर आंखों में रंग चला जाये तो तत्काल साफ पानी के छींटे मारकर साफ करें। अगर फिर भी दिक्कत हो रही हो तो तत्काल नजदीकी नेत्र रोग विशेषज्ञ से उपचार करवाये।