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मुख्यमंत्री नायब सैनी लड़ेंगे विधानसभा उपचुनाव

भाजपा ने नायब सैनी को उम्मीदवार घोषित किया, खट्टर के इस्तीफे से खाली हुई थी सीट
 
  मुख्यमंत्री नायब सैनी लड़ेंगे विधानसभा उपचुनाव
 चंडीगढ़, 27 मार्च।  हरियाणा में करनाल विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। इसके लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है। इस सीट पर लोकसभा चुनाव के साथ ही 25 मई को वोटिंग होगी। पूर्व सीएम मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद ये सीट खाली हुई थी। मनोहर लाल को भाजपा ने करनाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी फिलहाल हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष होने के साथ-साथ कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद भी हैं। नायब सिंह पूर्व सीएम मनोहर लाल के करीबी हैं। 
13 मार्च को दिया था इस्तीफा
हरियाणा में 12 मार्च को भाजपा और जेजेपी का गठबंधन टूटा था। इसके बाद पूर्व सीएम मनोहर लाल समेत पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दिया था। इसी दिन नायब सैनी ने 11वें सीएम के रूप में शपथ ली। इसके बाद 13 मार्च को फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाए विधानसभा सेशन में मनोहर लाल ने विधायक पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया। जिसके बाद करनाल सीट खाली हो गई।
अब उनकी जगह सीएम की कुर्सी संभालने वाले नायब सिंह सैनी यहां से उपचुनाव में उतरने जा रहे हैं। यह उनका पहला टेस्ट होगा। करनाल सीट पर मनोहर लाल लगातार 2 बार 2014 और 2019 में विधानसभा चुनाव जीते। साढ़े 9 साल से भाजपा सत्ता में
हरियाणा में साढ़े 9 साल से भाजपा सत्ता में है। इतनी लंबी अवधि से सत्ता में होने के कारण प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का माहौल है। पार्टी ने सत्ता विरोधी माहौल को न्यूट्रलाइज करने के लिए गुजरात फॉर्मूले के तहत मनोहर लाल को हटाकर, नायब सिंह सैनी को ड्राइविंग सीट पर बैठा दिया है। अब सैनी को इसी माहौल के बीच उपचुनाव जीतना होगा।
खट्टर रिकॉर्ड जीत से हो चुके विजय
2014 में करनाल विधानसभा सीट से पहली बार मैदान में उतरे मनोहर लाल खट्टर को 58.75 प्रतिशत वोट मिले और वह 63773 वोट से जीते थे। उस समय यहां कुल 67.84  प्रतिशत वोटिंग हुई और मनोहर लाल को कुल 82,485 वोट मिले। यह उनके सामने मैदान में उतरे बाकी 6 कैंडिडेट को मिले कुल वोट से भी 26,674 वोट अधिक थे। बाकी 6 कैंडिडेट्स मिलकर 55,811 वोट ले पाए थे। मनोहर लाल के बाद दूसरे नंबर पर रहने वाले निर्दलीय जयप्रकाश के हिस्से में सिर्फ 18,712 वोट (13.33 प्रतिशत) आए थे। यानी पंजाबी वोटरों ने एकजुट होकर मनोहर लाल के हक में मतदान किया।