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मुख्यमंत्री नायब सैनी पहुंचे कुलदीप बिश्नोई को मनाने, कुलदीप ने कहा हिसार ही नहीं पूरे प्रदेश में करेंगे प्रचार

 
 मुख्यमंत्री नायब सैनी पहुंचे कुलदीप बिश्नोई को मनाने, कुलदीप ने कहा हिसार ही नहीं पूरे प्रदेश में करेंगे प्रचार
चंडीगढ, 25 अप्रैल। हिसार लोकसभा सीट से टिकट न मिलने से नाराज कुलदीप बिश्नोई को मनाने के लिए भाजपा ने कवायद शुरू कर दी है। इसका जिम्मा खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उठाया है। सीएम नायब सैनी वीरवार को दिल्ली स्थित बिश्नोई हाउस में कुलदीप बिश्नोई से मिलने पहुंचे। यहां सीएम ने बिश्नोई परिवार के साथ ब्रेकफास्ट भी किया। इस मौके पर कुलदीप की पत्नी रेणुका और बेटे व आदमपुर से भाजपा विधायक भव्य बिश्नोई भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी एवं संगठन महामंत्री सुरेंद्र पूनिया का दिल्ली आवास पर आगमन हुआ। लोकसभा चुनाव सहित कई विषयों पर उनके साथ विस्तृत सकारात्मक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है। वह हिसार ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में प्रचार करेंगे। 
कुलदीप बिश्नोई हिसार सीट से भाजपा की टिकट के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन उनकी जगह पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने निर्दलीय विधायक और नायब सैनी सरकार के कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह को टिकट दे दी। इसके बाद कुलदीप एवं भव्य ने न केवल भाजपा उम्मीदवार से दूरी बना ली बल्कि कुलदीप ने सोशल मीडिया पर यह भी लिखा कि वे कांग्रेस में नहीं जा रहे हैं। इससे उनके पार्टी छोडऩे के संकेत सामने आने लगे। रणजीत सिंह की टिकट फाइनल होने के तुरंत बाद ही भव्य बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि राजनीति में आपकी लोकप्रियता ही अकसर आपकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित होती हैं। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने एक वीडियो जारी कर नाराजगी जाहिर की। हालांकि कुलदीप बिश्नोई ने टिकट न मिलने से समर्थकों के मायूस होने की बात कही लेकिन असल में यह उनकी मायूसी नजर आई। जिसके बाद कुलदीप बिश्नोई भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह के दफ्तर के उद्घाटन में नहीं पहुंचे। वहीं भव्य के प्रचार के लिए भाजपा ने शैड्यूल जारी किया था लेकिन उन्होंने भी प्रचार से इनकार कर दिया। रणजीत सिंह के प्रचार से दूरी बना दोनों पिता-पुत्र घर बैठे हुए हैं। वर्ष 2011 में कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ भाजपा ने हरियाणा में गठबंधन कर लिया। दोनों पार्टियों के बीच 45-45 के फॉर्मूले पर समझौता हुआ, जिसके तहत हजकां को विधानसभा की 45 और लोकसभा की 2 सीटें दी जानी थी, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद कुलदीप बिश्नोई अपने हिस्से की दोनों सीटें (हिसार और सिरसा) हार गए। विधानसभा चुनाव आने तक भाजपा ने हजकां के साथ पुराने समझौते के तहत चुनाव लडऩे से मना कर दिया। भाजपा ने हजकां को 25 सीटें और कुलदीप बिश्नोई को डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव दिया। कुलदीप बिश्नोई ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा के साथ 3 साल पुराना गठबंधन तोड दिया था। 2014 में भाजपा प्रदेश में पूर्ण बहुमत से आ गई। 2016 में कुलदीप ने हजकां का विलय कांग्रेस में कर लिया। इसके बाद 2022 में कुलदीप ने कांग्रेस में मनमुटाव होने के बाद भाजपा जॉइन कर ली।