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नगरपरिषद की बदली शक्लो-सूरत

हार्ट ऑफ सिटी में बना कार्यालय, आमजन को हुई सहूलियत 
 
नगरपरिषद की बदली शक्लो-सूरत 

राजकमल कटारिया


सिरसा, 15 मार्च। नगरपरिषद में हर आम ओ खास को काम रहता है। हाउस टैक्स, फायर, जाति प्रमाण पत्र, रिहायशी प्रमाण पत्र, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे अनेक काम हैं जिसके लिए लोगों को नगरपरिषद के कार्यालय में चक्कर लगाने पड़ते हैं। पुरानी कचहरी रोड पर बने नगरपरिषद के कार्यालय के कंडम होने पर पुराने लड़कियों वाले स्कूल की जगह नगरपरिषद को स्थापित किया गया है।

 
पुराने स्कूल के बदबूदार और टूटे फूटे कमरों की मरम्मत करवाकर उन्हें नई शक्लो सूरत दे दी गई है। नगरपरिषद के कार्यकारी अधिकारी, एक्सईएन, म्यूनिसिपल इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर के अलग से केबिन स्थापित किए गए हैं। हाउस टैक्स, बिजली शाखा, इंजीनियरिंग ब्रांच के लिए अलग अलग कमरे बनाए गए हैं वहीं दो नए कमरे स्थापित किए गए हैं। इसी प्रकार जिन कमरों की छतें खराब थीं, उन्हें बदल दिया गया है। 


स्कूल के भवन में उगे झाड़ झंखाड़ को साफ करवा दिया गया है और सीलन व दीमक से भी इसे आजाद कर दिया गया है। खिड़कियां दरवाजे बदले जा चुके हैं। जहां पहले प्रिंसीपल का कक्ष होता था, वह कार्यकारी अधिकारी को अलॉट किया गया है। एयरकंडीशनर, सीसीटीवी, वाई फाई जैसी सुविधाओं से नगरपरिषद को लैस किया गया है। यह जगह हार्ट ऑफ द सिटी कही जाती है और कई वार्ड इसके बिल्कुल नजदीक हो गए हैं। कुछ नगर पार्षदों के निवास भी निकट ही लगते हैं। 


पहले दूर जाना पड़ता था लोगों को
शहर की अधिकांश आबादी पुराने शहर में ही है। ऐसे में जिन लोगों को नगर परिषद के कार्यालय में काम के लिए जाना पड़ता था, उन्हें या तो अपने दोपहिया या चौपहिया वाहनों पर ईंधन खपाकर जाना पड़ता था या फिर ई-रिक्शा पर पैसा खर्च करना पड़ता था। अब नगरपरिषद ऐन उनके घरों के पास आ गई है। रोड़ी बाजार, रानियां बाजार, सूरतगढिय़ा बाजार, नोहरिया बाजार, शिव चौक, वाल्मीकि चौक व भादरा बाजार सहित के क्षेत्र इसके बिल्कुल नजदीक हो गए हैं। 


पार्किंग की भी बढिय़ा सुविधा
नगरपरिषद के नए भवन में पार्किंग की भी अच्छी सुविधा है। यहां पार्किंग का काफी स्पेस है जिससे लोगों को अपने वाहन खड़े करने में दिक्कत नहीं है। साथ ही वाहन सुरक्षित भी रहते हैं। अगस्त 2022 में नगरपरिषद को यहां स्थापित किया गया था। तब यह कहा जा रहा था कि यह अस्थायी कार्यालय है लेकिन हूडा के साथ सेटलमेंट न बैठने और केस के चलते अब यहीं इसे स्थायी किया गया है। 


25 लाख का आया खर्च: ईओ
नगरपरिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप मलिक ने बताया कि रेनोवेशन के कार्य पर 25 लाख रुपए का खर्च आया है। कोशिश है कि नगरपरिषद में आने वाले नागरिकों को अच्छी सुविधा और माहौल मिले। पार्किंग की अच्छी व्यवस्था है और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। महिला पुरुषों के लिए नए शौचालय भी बनवाए गए हैं। कार्यालय यहां रहेगा या नहीं यह तो समय की बात है परंतु एक बारगी ठीक व्यवस्था की गई है।