16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने किया राखीगढ़ी में छह हजार साल पुरानी सभ्यता का अवलोकन
Apr 29, 2025, 20:48 IST

हिसार, 29 अप्रैल 16वें केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया और सदस्यों ने मंगलवार को विश्व की सबसे प्राचीन हड़प्पा कालीन सभ्यता से जुड़े हेरिटेज स्थल राखीगढ़ी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने करीब छह हजार साल पुरानी सभ्यता के बारे में जाना। उन्होंने टीलों का दौरा किया और खुदाई में मिले अवशेषों को भी देखा। साथ ही, उन्होंने खुदाई के दौरान मिले अवशेषों पर लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक अमित खत्री और विभाग की उप निदेशक डॉ. बनानी भट्टाचार्य ने आयोग को खुदाई में मिले अवशेषों के बारे में विस्तार से बताया।आयोग को जानकारी देते हुए बताया गया कि खुदाई के दौरान मिले अवशेष उस समय के लोगों की जीवन शैली को बयां करते है। उस समय किस प्रकार यहां बड़ी बड़ी कच्ची और पक्की ईंटों के मकान होते थे और लोग मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करते थे। बच्चों के लिए मिट्टी के ही खिलौने होते थे। महिलाएं मिट्टी के गहनों से श्रृंगार करती थी। खुदाई के दौरान मिल रहे मिट्टी के औजारों और श्रृंगार व दीवारों पर चित्रकारी इस बात की गवाह है कि हड़प्पा कालीन सभ्यता के दौरान लोग बहुत ही हुनरमंद थे यह उनमें कौशल विकास को दिखाता हैं यह भी जानकारी दी गई कि यहां पर बहुत ही विकसित शहर होता था, जिसमें सड़कें और बीच के रास्ते बहुत ही व्यवस्थित ढंग से बने थे। टीला नंबर एक की खुदाई के दौरान पता चला कि उस समय पत्थरों से मनके बनाए जाते थे, जिनका उत्पादन प्रमुखता से होता था। टीला नंबर दो की खुदाई के दौरान पता चला कि उस समय शहर में घरों की सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद होती थी। मकान में भी पहरेदारों के कक्ष होते थे। शहर में अलग से बाजार और अलग से आवासीय क्षेत्र था। पानी की निकासी का बहुत ही व्यवस्थित तरीके से प्रबंध था। खुदाई से पता चला कि उस समय हाथी दांत की वस्तुएं भी प्रयोग में होती थी। टीला नंबर 6 के बारे में जानकारी दी गई कि दीवारों पर मिट्टी के ही प्लास्टर का प्रयोग होता था। इस दौरान उपायुक्त अनीश यादव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।