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बेसहारा गौवंश को डीसी कार्यालय में छोडऩे का मामला:

बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने लगाया मारपीट व छीनाझपटी का आरोप
 
  बेसहारा गौवंश को डीसी कार्यालय में छोडऩे का मामला:

-प्रशासन को दिया तीन दिन का अल्टीमेटम 
सिरसा 9 सितंबर बेसहारा गौवंश के कारण शहर में हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए अल्टीमेटम के बाद रात्रि को गौवंश को लेकर लघु सचिावलय में बांधने जा रहे कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस व डेयरी संचालकों द्वारा मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है। यही नहीं बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मारपीट करने वाले लोगों पर छीना झपटी के भी आरोप लगाए हंै। रात्रि को हुए इस घटनाक्रम के बाद सुबह बजरंग दल के कार्यकर्ता उपायुक्त कार्यालय में एकत्रित हुए। सर्वप्रथम सभी ने उपायुक्त कार्यालय में ही हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं से बातचीत की।
बजरंग दल के प्रांत मिलन प्रमुख सुरेंद्र पूनियां ने बताया कि बेसहारा गौवंश को मुख्य मार्गों से हटाना जनता से जुड़ा मुद्दा था। सरकार द्वारा जगह-जगह टोल टैक्स लगाकर जनता की जेबों पर डाका डाला जा रहा है, लेकिन उसके बदले में सुविधा बिल्कुल शून्य है। जबकि टोल टैक्स लेने के बाद कंपनी की जिम्मेवारी बनती है कि वो आमजन को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करवाए। उन्होंने कहा कि शहर में बेसहारा गौवंश के कारण हो रही घटनाओं की पुरावृत्ति न हो, इसके लिए बजरंग दल ने निर्णय लिया था कि इन पशुओं को डीसी कार्यालय में ले जाकर प्रशासन से इन्हें गौशालाओं में भेजने का प्रयास करेंगे, ताकि कोई हादसा न हो। इसके लिए प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था। रात्रि को बजरंग दल कार्यकर्ता बेसहारा पशुओं को लेकर डीसी कार्यालय की ओर आ रहे थे। तभी गेट पर कुछ सिविल वर्दीधारी कर्मचारियों व डेयरी माफियाओं ने उन्हें रोक लिया। प्रशासन ने डेयरी संचालकों से बातचीत की, लेकिन उन्हें कुछ नहीं बताया। इसके बाद पुलिस कर्मचारियों व डेयरी संचालकों ने गौवंश को डंडों से पीटना शुरू कर दिया। यही नहीं बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी इन लोगों ने डंडों से पीटना शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं ने किसी तरह अपनी जान बचाई। यही नहीं इन लोगों ने कुछ कार्यकर्ताओं के मोबाइल, नगदी व गले में पहनी हुई चेन भी छीन ली। ये घटनाक्रम निंदनीय है। पूनियां ने चेतावनी देते हुए कहा कि सिरसा के बजरंग दल कार्यकर्ता अकेले नहीं है, 30 लाख बजरंगी इनके साथ है। तीन दिन में प्रशासन ने गौवंश की व्यवस्था नहीं की तो इन्हें गौशालाओं में छोडऩे कन प्रबंध किया जाएगा। इस मौके पर जिला गौरक्षा प्रमुख अरविंद भारद्वाज ने कहा कि जनता दुर्घटनाओं का सामना न करे, इसलिए उन्होंने बेसहारा गौवंश को डीसी ऑफिस में ले जाने की योजना बनाई थी, ताकि प्रशासन इन्हें गौशालाओं में भेजने की व्यवस्था करे। लेकिन प्रशासन ने कुछ डेयरी माफियाओं के साथ मिलकर उल्टा उनके साथ ही मारपीट की व छीना झपटी की घटनाओं को अंजाम दिया, जोकि निंदनीय है। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को ईंट-डंडों से पीटा गया। उनका फोन, नगदी व आभूषण छीन लिए गए। कुल मिलाकर प्रशासन के इस रवैये से ये साफ हो गया है कि प्रशासन डेयरी माफियाओं के साथ मिला हुआ है और जान बूझकर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता।