Pal Pal India

कुलविंदर कौर पर एकतरफा कार्रवाई के विरोध में बीकेई ने निकाला शहर में रोष मार्च

 
कंगना रनौत द्वारा थप्पड़ को ही आतंकवाद बताना व पंजाब के खिलाफ  जहर उगलना अति निंदनीय: औलख
 
 कुलविंदर कौर पर एकतरफा कार्रवाई के विरोध में बीकेई ने निकाला शहर में रोष मार्च
 निष्पक्ष जांच के लिए राष्ट्रपति के नाम बीकेई ने सौंपा ज्ञापन
सिरसा। 8 जून मोहाली एयरपोर्ट पर हुए घटनाक्रम में महिला कर्मचारी के खिलाफ  की गई एकतरफा कार्रवाई के विरोध में शनिवार को भारतीय किसान एकता बीकेई द्वारा सिरसा शहर में जोरदार रोष मार्च निकाला गया। रोष मार्च नेहरू पार्क से शुरू होकर जनता भवन रोड से होते हुए सुभाष चौक, शहीद भगत सिंह चौक, सुरखाब चौक पर आकर संपन्न हुआ। बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने बताया कि बीजेपी के नेताओं की फितरत बन चुकी है कि वह किसानों व किसान परिवारों के खिलाफ  आपत्तिजनक टिप्पणियां करते रहते हैं। कंगना रनौत का विवादों के साथ पुराना रिश्ता है। दूसरी तरफ  सीआईएसएफ  जवान कुलविंदर कौर पिछले 16 सालों से अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभा रही हैं। शहीद भगत सिंह एयरपोर्ट पर 2.5 सालों से उसकी पोस्टिंग है। इतने लंबे समय में एक भी शिकायत उसके खिलाफ  नहीं है। फिर कंगना रनौत के साथ ही ऐसा क्यों हुआ, यह भी जानने का विषय है। प्रशासन कुलविंदर कौर द्वारा मोहाली एयरपोर्ट पर कंगना रनौत को थप्पड़ मारने की सच्चाई को छिपाकर उसे गलत तरीके से पेश कर रहा है। कंगना रनौत की शुरू से यह आदत रही है कि वह हमेशा भडक़ाऊ ब्यान देकर समाज में अराजकता फैलाती है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी देश को बांटने वाले व धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़वाने वाले बयान देते रहते हैं। जब इन लोगों का मुखिया ही जहर उगलता रहता है तो उनके दूसरे नेताओं से क्या अपेक्षा की जा सकती है। किसान-मजदूर अपने हकों के लिए संघर्ष करते हैं, उनकी माताओं-बहनों के बारे में अगर अपमानजनक शब्दावली बोली जाती हैए तो उनका गुस्सा होना स्वाभाविक है। औलख ने कहा कि माता भाकर की वारिश बहादुर किसान बेटी कुलविंदर कौर के साथ पूरे देश का किसान खड़ा है। उसके साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी। इस मौके पर बीकेई प्रदेश महासचिव अंग्रेज सिंह कोटली, भिन्दा काहलों, गुरजीत मान, अमरीक सिंह बाजवा, नत्था सिंह, गुरलाल भंगू, बेअंत सिंह औलख, गुरजीत सिंह मान, कुलवंत सिंह भंगू, जगमेल सिंह, दिलबाग सिंह, सरपंच मोरीवाला, सूखा दंदीवाल, महावीर गोदारा, नथा सिंह, दलवारा सिंह रघुआना, सुखपाल सिंह रघुआना, नछत्तर सिंह चकेरियां, जगदीश स्वामी सहित अनेक गांवों के किसान उपस्थित रहे।