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भाजपा-आरएसएस रच रही है उच्च शिक्षण संस्थानों से एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण खत्म करने की साजिश:कुमारी सैलजा

 कहा-वंचित वर्गो की भागेदारी खत्म करने के प्रयास से उजागर होता है भाजपा का दोहरा चरित्र
 
  भाजपा-आरएसएस रच रही है उच्च शिक्षण संस्थानों से एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण खत्म करने की साजिश:कुमारी सैलजा
चंडीगढ़, 01 फरवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के इशारे पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग उच्च शिक्षा संस्थानों में एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है। इससे भाजपा सरकार का दोहरा चरित्र उजागर होता है। ये सरकार वंचित वर्गो की भागेदारी खत्म करनेे का प्रयास कर रही है साथ ही भारतरत्न डा. भीमराव अंबेडकर के सपनों की हत्या करने जा रही है पर कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी। वंचित वर्गो की भागेदारी सुनिश्चित और सुचारू रखने के लिए कांग्रेस संघर्ष करेगी।
मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है। आज चार केंद्रीय विश्व विद्यालयों में 7000 आरिक्षत पदों में से 3000 पद रिक्त हैं। जिनमें से सिर्फ 7.1 प्रतिशत दलित, 1.6 प्रतिशत आदीवासी और 4.5 प्रतिशत ओबीसी प्रोफेेसर के लिए आरक्षित है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस कई बार आरक्षण की समीक्षा की बात कर चुके हैं। अब सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों में वंचित वर्ग के हिस्से की नौकरी छीनना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार की यह साजिश सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने वाले नायकों के सपनों की हत्या और वंचित वर्गो की भागेदारी खत्म करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि यहीं सांकेतिक राजनीति और वास्तविक न्याय के बीच का फर्क हैं और यही भाजपा का दोहरा चरित्र हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्च शिक्षा संस्थानों में भारत सरकार की आरक्षण नीति के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश का मसौदा जारी किया। इसमें प्रस्ताव था कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) या अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रिक्तियां इन श्रेणियों के पर्याप्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अनारक्षित घोषित की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के उपयुक्त प्राधिकार ने विआरक्षण के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दी है और इसे विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी के मामले देखने वाले लाइजन अफसर देखेंगे और मंजूरी देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की तानाशाह सरकार संविधान में नागरिकों को प्रदत्त अधिकारों को एक एक कर छीनने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि देश की जनता जाग चुकी है और अब भाजपा के बहकावे में आने वाली नहीं हैं। जनता अपने हकों को लेना और उनकी सुरक्षा करना जानती है।