हरियाणा में मतदान तिथि बदलने से भाजपा, इनेलाे समेत कई संगठनाें ने किया स्वागत, मांग पर बदला चुनाव कार्यक्रम
भाजपा ने उठाई थी चुनाव कार्यक्रम में बदलाव की मांग इनेलाे ने भी किया था आयाेग काे पत्र लिखकर समर्थन
Aug 31, 2024, 20:12 IST
चंडीगढ़, 31 अगस्त केंद्रीय चुनाव आयाेग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया है। राज्य में अब 1 अक्टूबर के स्थान पर 5 अक्टूबर को मतदान होगा। चुनाव आयोग के इस निर्णय का हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा व विपक्षी दल इनेलो ने स्वागत किया है। इन दोनों दलों के अलावा ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा ने भी मतदान की तिथि बदलने की मांग की थी।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली की ओर से भारत के चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हरियाणा की स्थिति से अवगत करवाया था। आयोग को उनकी दलील सही लगी और यह आशंका जताई गई के 1 अक्टूबर को मतदान करवाने पर राज्य में मतदान प्रतिशत गिर सकता है। इसी के चलते आयोग की ओर से शनिवार को हरियाणा विधानसभा के चुनाव के लिए नया कार्यक्रम जारी किया। चुनाव के लिए नोटिफिकेशन पहले की तरह 5 सितंबर को ही जारी होगा। इसी दिन से नामांकन-पत्र प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राज्य की 90 सीटों के लिए 12 सितंबर तक नामांकनपत्र दाखिल हो सकेंगे। 13 सितंबर को नामांकन-पत्रों की जांच होगी। 17 सितंबर नामांकन-पत्र वापसी की आखिरी तारीख तय की गई है। मतदान 1 अक्टूबर की बजाय अब 5 अक्टूबर (शनिवार) को होगा। इससे पहले 1 अक्टूबर को मंगलवार के दिन मतदान होना था। इससे पहले शनिवार व रविवार को सरकारी छुट्टी होती है। सोमवार वर्किंग-डे था लेकिन एक दिन की छुट्टी लेकर परिवार घूमने के लिए बाहर जाने का प्लान बना सकते थे। मतदान के बाद यानी 2 अक्टूबर को भी गांधी जयंती के दिन अवकाश होता है। ऐसे में लोगों को घूमने के लिए पांच दिन मिल जाते। इस वजह से वोटिंग प्रतिशत कम रहता। ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा की ओर से भी चुनाव आयेाग को पत्र लिखकर मतदान की तारीख में बदलाव करने की मांग की गई थी। 2 अक्तूबर को राजस्थान के मुकाम (बीकानेर) में बिश्नोई समाज के सालाना मेले का आयोजन होना है। हरियाणा में बिश्नोई समाज के लोग भी इस मेले में शामिल होते हैं। ऐसे में वे मेले में भाग लेने के लिए पहले दिन यानी 1 अक्टूबर को ही रवाना हो जाते। महासभा ने दलील दी थी कि अगर 1 अक्तूबर को मतदान होता है तो समाज के लोग मतदान से वंचित रह सकते हैं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली की ओर से भारत के चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हरियाणा की स्थिति से अवगत करवाया था। आयोग को उनकी दलील सही लगी और यह आशंका जताई गई के 1 अक्टूबर को मतदान करवाने पर राज्य में मतदान प्रतिशत गिर सकता है। इसी के चलते आयोग की ओर से शनिवार को हरियाणा विधानसभा के चुनाव के लिए नया कार्यक्रम जारी किया। चुनाव के लिए नोटिफिकेशन पहले की तरह 5 सितंबर को ही जारी होगा। इसी दिन से नामांकन-पत्र प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राज्य की 90 सीटों के लिए 12 सितंबर तक नामांकनपत्र दाखिल हो सकेंगे। 13 सितंबर को नामांकन-पत्रों की जांच होगी। 17 सितंबर नामांकन-पत्र वापसी की आखिरी तारीख तय की गई है। मतदान 1 अक्टूबर की बजाय अब 5 अक्टूबर (शनिवार) को होगा। इससे पहले 1 अक्टूबर को मंगलवार के दिन मतदान होना था। इससे पहले शनिवार व रविवार को सरकारी छुट्टी होती है। सोमवार वर्किंग-डे था लेकिन एक दिन की छुट्टी लेकर परिवार घूमने के लिए बाहर जाने का प्लान बना सकते थे। मतदान के बाद यानी 2 अक्टूबर को भी गांधी जयंती के दिन अवकाश होता है। ऐसे में लोगों को घूमने के लिए पांच दिन मिल जाते। इस वजह से वोटिंग प्रतिशत कम रहता। ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा की ओर से भी चुनाव आयेाग को पत्र लिखकर मतदान की तारीख में बदलाव करने की मांग की गई थी। 2 अक्तूबर को राजस्थान के मुकाम (बीकानेर) में बिश्नोई समाज के सालाना मेले का आयोजन होना है। हरियाणा में बिश्नोई समाज के लोग भी इस मेले में शामिल होते हैं। ऐसे में वे मेले में भाग लेने के लिए पहले दिन यानी 1 अक्टूबर को ही रवाना हो जाते। महासभा ने दलील दी थी कि अगर 1 अक्तूबर को मतदान होता है तो समाज के लोग मतदान से वंचित रह सकते हैं।