भाजपा ने जनता को धरने व प्रदर्शन के अधिकार से वंचित किया: लाल बहादुर खोवाल
शव सम्मान विधेयक को कैबिनेट में मंजूरी देकर
Jan 31, 2024, 19:14 IST
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हिसार, 31 जनवरी हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल कहा है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में शव सम्मान विधेयक को मंजूरी देकर भाजपा ने जनता को धरने व प्रदर्शन के अधिकार से वंचित कर दिया है। लीगल डिपार्टमेंट ने विधेयक की मंजूरी का पुरजोर विरोध किया है। यह बात उन्होंने बुधवार को जारी बयान में कही।
लाल बहादुर खोवाल ने इस विधेयक को मंजूरी देने पर कहा कि भाजपा तानाशाही रवैया अपनाकर लगातार जनता के अधिकारों का हनन कर रही है। अब इसी कड़ी में शव सम्मान विधेयक लागू करके आम जनता पर कुठाराघात किया गया है। उन्होंने बताया कि असामाजिक तत्वों द्वारा किसी गरीब या असहाय का मर्डर करने पर जब न्याय नहीं मिलता तो उसके परिजन मजबूरीवश शव को रखकर प्रदर्शन करते हुए न्याय की मांग करते थे। इसी भांति चिकित्सकीय त्रुटि के कारण मौत होने पर भी न्याय के लिए परिजनों को धरना व प्रदर्शन का अधिकार था, लेकिन अब इस नए विधेयक को कैबिनेट में मंजूरी मिलने से न्याय की मांग करने वाले लोगों का अधिकार ही छिन गया है। अब यदि न्याय की मांग को लेकर कोई पीड़ित शव रखकर धरना व प्रदर्शन करेगा तो उसे 6 महीने से लेकर 5 साल तक की कैद और एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान कर दिया गया है।
लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि प्रजातंत्र में अपनी जायज मांगें मनवाने के लिए धरना व प्रदर्शन का सभी को अधिकार है लेकिन इन अधिकारों की अवहेलना करते हुए भाजपा तानाशाही की पराकाष्ठा कायम कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा कानून बनाकर भाजपा जनता में अपना खौफ कायम करना चाहती है, ताकि लोग चुपचाप अत्याचार सहन करते रहें।
लाल बहादुर खोवाल ने इस विधेयक को मंजूरी देने पर कहा कि भाजपा तानाशाही रवैया अपनाकर लगातार जनता के अधिकारों का हनन कर रही है। अब इसी कड़ी में शव सम्मान विधेयक लागू करके आम जनता पर कुठाराघात किया गया है। उन्होंने बताया कि असामाजिक तत्वों द्वारा किसी गरीब या असहाय का मर्डर करने पर जब न्याय नहीं मिलता तो उसके परिजन मजबूरीवश शव को रखकर प्रदर्शन करते हुए न्याय की मांग करते थे। इसी भांति चिकित्सकीय त्रुटि के कारण मौत होने पर भी न्याय के लिए परिजनों को धरना व प्रदर्शन का अधिकार था, लेकिन अब इस नए विधेयक को कैबिनेट में मंजूरी मिलने से न्याय की मांग करने वाले लोगों का अधिकार ही छिन गया है। अब यदि न्याय की मांग को लेकर कोई पीड़ित शव रखकर धरना व प्रदर्शन करेगा तो उसे 6 महीने से लेकर 5 साल तक की कैद और एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान कर दिया गया है।
लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि प्रजातंत्र में अपनी जायज मांगें मनवाने के लिए धरना व प्रदर्शन का सभी को अधिकार है लेकिन इन अधिकारों की अवहेलना करते हुए भाजपा तानाशाही की पराकाष्ठा कायम कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा कानून बनाकर भाजपा जनता में अपना खौफ कायम करना चाहती है, ताकि लोग चुपचाप अत्याचार सहन करते रहें।