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बीरेंद्र सिंह का दर्द...बेटे की टिकट काटने के लिए रची गई थी साजिश​​​​​​​

 
  बीरेंद्र सिंह का दर्द...बेटे की टिकट काटने के लिए रची गई थी साजिश​​​​​​​
जींद, 6 मई  लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने अपने प्रमुख समर्थकों के साथ सोमवार को डूमरखा कलां अपने आवास पर करीब दो घंटे तक मंथन किया। बीरेंद्र सिंह ने समर्थकों से पूछा कि कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन पर हिसार जाए या नहीं। इस सवाल पर समर्थकों ने एक स्वर में कहा कि नहीं जाना।
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि कार्यकर्ताओं का सम्मान उनके लिए सबसे पहले है। अब तक जयप्रकाश उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने नहीं आया है। यहां से जो सांसद बृजेंद्र सिंह थे उनसे भी किसी तरह की मदद चुनाव को लेकर नहीं मांगी है न ही मिलने आया। जयप्रकाश उनके पास आकर मदद मांगते है, उनके कार्यकर्ताओं से वोट की अपील आकर करते है तो वो पूरे मन से साथ देंगे। दस साल के बाद कांग्रेस वो वापिस आए है ऐसे में वो कांग्रेस में ही रहेंगे। हिसार लोकसभा से बेटे बृजेंद्र सिंह की टिकट कटने का दर्द भी मीटिंग में झलका। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि बृजेंद्र सिंह की टिकट कटवाने के लिए साजिश रची गई। सर्वे का नाम लेकर बृजेंद्र सिंह की टिकट को काटा गया।
भाजपा में सांसद रहते हुए कांग्रेस में शामिल होने वाले एनडीए के सबसे पहले सांसद बृजेंद्र सिंह थे। जब पूरे देश में भाजपा के पक्ष में माहौल नजर आ रहा था तो बृजेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हुए। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि टिकट को लेकर पूरी मदद रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा ने की। जो लोग समझते है कि आज कांग्रेस हमारी जेब में है वो उनकी गलत फहमी है। कांग्रेस किसी की बौपोती नहीं है। प्रदेश में पं. भगवत दयाल बड़े नेता होते थे लेकिन इंदिरा गांधी ने बंसीलाल को सीएम हरियाणा का बना दिया। बंसीलाल ने सोचा भी नहीं था कि वो सीएम हरियाणा के बनेंगे। दस साल के बाद कांगे्रस में आए है लेकिन कांग्रेस में दस साल में संगठन तक नहीं बना है। कांग्रेस के राष्ट्रीयध्यक्ष उन्हें जिम्मेदारी दे तो कांग्रेस को प्रदेश में सशक्त बनाने का काम वो कर सकते है। मैं कभी झूठ की राजनीति नहीं करता हूं।